हमीरपुर (अन्दर की बात )
सड़क नहीं बल्कि अपने ही कार्यालय की चारदीवारी के भीतर महिला कर्मचारियों पर साहब की बुरी नज़र महिलाओं की शारीरिक तथा मानसिक असुरक्षा और टूटन की सबसे बड़ी वजह है। हमीरपुर में में एक अधिकारी ऐसा है जिस पर महिलाओं के रसिया का ठप्पा लग चुका है। आलम यह है कि अब तो महिला कर्मचारी भी उनके पास अकेले में फ़ाईल लेकर जाने से कतराने लगीं हैं। बताया जा रहा है कि अपनी इसी बुरी नीयत के चलते साहब का 21 वाँ स्टेशन है। पूरी सर्विस में अब तक 35 बार तबादले साहब के हो चुके हैं।
साहब की महिलाओं के प्रति यह नीयत उन्हें कई बार शर्मिंदा भी कर चुकी है लेकिन साहब फिर भी नहीं मानने वाले । उन्हीं के ऑफ़िस के तीन वफ़ादार कर्मचारी साहब की पूरी आदर ख़ातिर के लिए तैयार रहते हैं। साहब का कार्यालय भी मुख्य बाज़ार में है और बाज़ार की हर नयी ख़बर की ख़बर उन तक पहुँचती रहती है। साहब और उनकी वफ़ादार टीम की नज़रें हमेशा नया शिकार तलाशती रहती हैं।
साहब की एक ऐसी ही शिकायत जब एक जनप्रतिनिधि तक पहुँची तो वह भी हक्का बक्का रह गया। हालाँकि महिला कर्मचारी ने जनप्रतिनिधि की पत्नी को भी सारी आपबीती सुना दी लेकिन साहब अभी भी अपनी सीट पर डटे हैं। जनप्रतिनिधि की पत्नी ने शिकायतकर्ता महिला के सामने ही ऐसे साहब की तुरंत ट्रान्सफ़र करने की माँग कर डाली लेकिन अभी तक कुछ नहीं हुआ ।
हमीरपुर नगर में साहब की महिलाओं के प्रति यह कमज़ोरी इन दिनों ख़ूब चर्चा में हैं। शीघ्र ही कुछ महिलायें इस साहब के ख़िलाफ़ लिखित शिकायत देने जा रही हैं। जब लिखित शिकायत की प्रतिलिपि सार्वजनिक हो जाएगी तो साहब के नाम की पोल भी अपने आप खुल जाएगी।