ऊना,
मादक द्रव्य एवं मदिरा व्यसन की रोकथाम को लेकर चलाए जा रहे विशेष जागरूकता अभियान के तहत आज कल्याण भवन ऊना में शिविर का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता एसडीएम ऊना डॉ. सुरेश जसवाल ने की। यह जानकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी ऊना हरीश मिश्रा ने दी।
इस अवसर पर एसडीएम ने कहा कि विपरीत परिस्थितियों में मनुष्य जल्दी विचलित हो जाता है और उसका सामना करने के लिए नशे का सहारा लेने लगता है, लेकिन यह एक स्थाई समाधान नहीं है। नशे का सेवन वास्तविक तौर पर नुकसान ही पहुंचाता है। यह व्यक्ति के शारीरिक एवं बौद्धिक विकास व स्मरण शक्ति को क्षीण बनाकर उसकी रचनात्मकता को नष्ट करता है। इस मौके पर उन्होंने प्रतिभागियों को नशा न करने और अन्यों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करने हेतु शपथ दिलाई और कहा कि धूम्रपान करने से कैंसर, दमा, खांसी व हृदय रोग सहित कई अन्य लाईलाज रोग पैदा होते हैं वहीं बीड़ी-सिगरेट से फैलने वाला धुआं अप्रत्यक्ष रूप से अन्यों को भी प्रभावित करता है और वे भी भयानक रोगों की चपेट में आ जाते हैं। इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सत्तनाम सिंह ने नशे से दुष्प्रभावों सहित महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी।
कार्यक्रम में आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी डॉ. नीरू शर्मा ने योग और ध्यान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह क्रियाएं हमारे मन को एकाग्रचित करने के लिये काफी मददगार होती हैं। इनसे नशे की लत को छुड़ाया जा सकता है। इस अवसर पर जिला न्यायवादी भीषम ठाकुर ने नशे से संबंधित कानूनी पहलुओं के बारे में अवगत करवाया। तहसील कल्याण अधिकारी कुलदीप सिंह दयाल व एसआई सरबजीत सिंह ने भी ड्रग फ्री हिमाचल एप के बारे में जानकारी दी।