आनी,
कहते हैं मुसीबत किसी को भी घेर सकती है और हंसते खेलते जीवन को दुखों से भर सकती है। ऐसी ही मुसीबत ने घेर दिया है कुल्लू जिला के आनी उपमण्डल की निरमण्ड तहसील के सतांगीधार निवासी 41 वर्षीय मुकेश और उसके हंसते खेलते परिवार को। किडनी की बीमारी से जूझ रहे मुकेश कुमार को इलाज के लिए आर्थिक सहायता की दरकार है। जिसके लिए आनी में सामाजिक सुधार पर काम कर रही गरीबों की पूर्व में मददगार बनी सचेत संस्था ने लोगों से मजबूर मुकेश कुमार की आर्थिक मदद को आगे आने की अपील की है।
मुकेश कुमार को करीब एक साल पहले जनवरी 2019 में एक हल्के से बुखार के बाद दवाइयों के ओवर डोज ने मुकेश कुमार की किडनियों पर ऐसा असर डाला कि उसका परिवार बिखरता चला गया। आज मुकेश कुमार आईजीएमसी शिमला में अपना उपचार करवा रहा है। अपनी बूढ़ी विधवा माता धर्मदासी, अपनी पत्नी मंजू और मेडिकल साइंस की पढ़ाई कर रही बाहरवीं कक्षा में पढ़ने वाली बिटिया विपाशा का एकमात्र सहारा कमाई का साधन खो चुका है। घर का गुजारा बूढ़ी माँ गाय का दूध बेचकर कर रही है, जबकि पत्नी को पति का इलाज करवाने और उसकी देखभाल करने शिमला जाना पड़ता है। आये दिन डायलिसिस और अन्य खर्चों के चलते प्रदेश सरकार द्वारा मुफ्त इलाज के लिए जारी आयुष्मान कार्ड काम तो आता है, लेकिन खर्चे पूरे करने के लिए अभागे मुकेश कुमार को जमीन तक बेचनी पड़ी है। आईजीएमसी शिमला में उपचाराधीन मुकेश कुमार का जल्द किडनी ट्रांसप्लांट किया जाना है। अपने मांग के सिंदूर को नवजीवन देने के लिए किडनी दे रही है, जबकि उसकी किडनी के ट्रांसप्लांट और दवाइयों और बाद में इलाज के लिए लाखों रुपयों की अभी भी दरकार है। ऐसे में सचेत संस्था सहित परिजनों ने अपील की है कि मुकेश कुमार की जिंदगी बचाने के लिए आगे आएं और उसके खाते में आर्थिक मदद डालें। आर्थिक मदद के लिए मुकेश कुमार के खाते की डिटेल है :