हमीरपुर ,
वृद्धा से क्रूरता मामले में पुलिस थाना सरकाघाट के एसएचओ इंस्पेक्टर सतीश कुमार व एक मुख्य आरक्षी भवदेव के ख़िलाफ़ विभागीय जाँच अंतिम चरण में पहुँच गई है। मामले में लापरवाही बरतने के कथित आरोप में पुलिस अधीक्षक मण्डी ने दोनों को लाइन हाजिर कर दिया था । प्रारंभिक जांच में मामले को हल्के से लेने और लापरवाही बरतने की बात सामने आई है।
आरोप है कि मुख्य आरक्षी भवदेव पिछले वर्ष 24 अक्टूबर को प्रताड़ना की शिकायत मिलने पर बड़ा समाहल गांव गया था।मामले में कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं की थी और न ही स्थिति को भांप पाया।
थाना प्रभारी सतीश कुमार भी सात नवंबर को गांव गए थे। आरोप हैं कि उनकी उपस्थिति में सेवानिवृत्त शिक्षक के साथ मारपीट हुई थी। न तो उन्होंने आरोपितों के विरुद्ध कोई कार्रवाई की न ही उच्च अधिकारियों को पूरे विवाद की गंभीरता से अवगत करवाया। राजदेई, उसकी दोनों बेटियां, दामाद, सेवानिवृत्त शिक्षक जयगोपाल व कृष्णी देवी सहित कई अन्य संगठन पुलिस की भूमिका पर सवाल उठा रहे थे।
मिली जानकारी के अनुसार एएसपी मण्डी जोकि विभागीय जाँच अधिकारी भी हैं , बुधवार दोपहर को भरेड़ी स्थित वन विभाग के विश्राम गृह पहुँच रहे हैं। क्रूरता मामले की पीड़ित बुज़ुर्ग राजदेई के दामाद एडवोकेट अजय ठाकुर ने बताया कि उन्हें गवाही के लिए भरेड़ी बुलाया गया है। बुधवार को ही राजदेई की बेटी तृप्ता की गवाही भी होगी।
उधर इस मामले में गिरफ़्तार कथित पुजारिन सहित सभी आरोपियों की हाईकोर्ट से सशर्त ज़मानत हो गयी है। सभी आरोपियों को गाँव से पाँच किलोमीटर दूर रहने की हिदायत दी गयी हैं। अधिकतर आरोपी बड़ा समाहल गाँव से दूर अपने रिश्तेदारों के पास ही टिके हुए हैं।