Thursday, March 28, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
-
पोल खोल

हमीरपुर :साईबर अपराध में लिप्त चार ठग गिरफ्तार, शातिर लाखों की कर चुके धोखाधड़ी , 23 फ़र्ज़ी वेबसाईट बना देते थे वारदात को अंजाम

-
रजनीश शर्मा ( हमीरपुर ) 9882751006 | February 05, 2020 08:55 AM

हमीरपुर ,
हमीरपुर पुलिस ने चार शातिर साईबर अपराधियों को अबतक गिरफ़्तार किया है। पुलिस अधीक्षक हमीरपुर अर्जित सेन ठाकुर ने बताया कि एक गैंग के कई साईबर ठग अपराध में लिप्त थे जिसके चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं। उन्होंने कहा कि पूछताछ में आरोपियों ने कई ख़ुलासे किए हैं। इस गैंग में शामिल और लोगों को भी पुलिस शीघ्र गिरफ़्तार करेगी ।

पुलिस द्वारा इनसे अब तक कुल 11 मोबाइल फोन , 2 लैपटॉप , 2 पैन कार्ड , एक एप्सन कलर प्रिंटर , एक स्कॉर्पियो वाहन आदि को जब्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इन लोगों द्वारा एक नये तरीके से साईबर अपराध का अंजाम दिया रहा था । उन्होंने कहा कि गूगल द्वारा लोगों को एक फेक लिंक भेजकर अनजान लोगों को फँसातेw हैं और उनके बैंक खाता और ए टी एम डेबिट कार्ड के गुप्त जानकारी ले कर ऑनलाइन खरीदारी और पैसा का ट्रांसफर कर लेते हैं।

क्या है मामला

हमीरपुर जिला के बड़सर थाना में ऑन लाइन ठगी की एक शिकायत पर 2019 में एफ़आईआर नम्बर 106/ 2019 दर्ज हुई । इस मामले की गहनता से जाँच शुरू हुई तो पुलिस ने चार आरोपी ठगों संदीप @ आर्यन ,माणिकचंद, तौसीफ अहमद और विकास कुमार को गिरफ़्तार करने में कामयाबी हासिल की। ये चारों शातिर लोगों को ठगने में माहिर निकले ।


पुलिस ने 2 फ़रवरी को संदीप @ आर्यन पुत्र अर्जुन पासवान गाँव कबीरपुरा डाकघर लाल बीघा पुलिस थाना शेखुपुरा सराय जिला शेखूपुरा बिहार और मानिक चंद पुत्र राजाराम पासवान VPO मीर बीघा बरसालीन गंज ज़िला नवादा बिहार को को गिरफ़्तार किया है।

हैदराबाद पुलिस का रहा अहम रोल

संदीप और माणिक चंद नाम के दो लोगों को पहले हैदराबाद पुलिस ने गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के दौरान हैदराबाद पुलिस द्वारा कुल 11 मोबाइल फोन , 2 लैपटॉप , 2 पैन कार्ड , एक एप्सन कलर प्रिंटर , एक स्कॉर्पियो वाहन आदि को जब्त किया गया है।

पुलिस पूछताछ में जुड़ती गई कड़ियाँ

संदीप कुमार के पूछताछ के अनुसार , तौसीफ अहमद को नकली वेब साइट्स Flipkartwinprize.in तैयार करने के लिये कहा था । जिसने आगे विकस कुमार को इन वेब साइटों को तैयार करने के लिए कहा। विकास कुमार ने संदीप के लिए 23 फर्जी वेब साइट तैयार की हैं और उनका इस्तेमाल निर्दोष व्यक्तियों को ठगने के लिए कर रहे थे।

जाल में ऐसे फँसाते थे भोले-भाले लोगों को

पुलिस से मिली जानकारी अनुसार ये शातिर आरोपी ई-कॉमर्स कंपनियों जैसे स्नैपडील , फ्लिपकार्ट , अमेजन होमशॉप - 18, नापतोल , यूनीग्लोब , क्लब फैक्ट्री , शॉप क्लूज आदि के ग्राहकों का डाटा बेस हासिल करते थे । इन्होंने टोलफ्री नंबर सर्विस और बल्क एसएमएस सेवाओं की खरीद की और ई-कॉमर्स कंपनियों के ग्राहकों को नियमित रुप से कॉल किया करते थे । सबसे पहले इन्होंने ग्राहक को Bulk एसएमएस भेजते थे और एसएमएस में उल्लेख किया करते थे कि आपने टाटा सफारी , टाटा नेक्सॉन कार या नकद राशि जैसे पुरस्कार जीते हैं। इसके बाद वे उसी ग्राहक को फोन करते थे और उनको उनके नाम से पुकारते थे और उन्हें एक विकल्प चुनने को भी कहते थे। जब ग्राहक पुरस्कार राशि या वाहन लेने के लिए सहमत होते थे तो उनसे कहते थे कि आप पंजीकरण शुल्क को जमा करें 5500 / - या 6500 / - । और कहते थे कि वे आगे की पूछताछ के लिए बताये गये टोलफ्री नंबर का उपयोग करें। वे एसएमएस और कॉल पर ग्राहक के साथ नियमित रूप से संपर्क बनाए रखते थे और जीएसटी , आयकर , उपहार कर आदि नाम पर उक्त आरोपी व्यक्तिगण द्वारा प्रदान किए गए बैंक खाते में जमा करवाते थे और उन्हें धोखा देते थे। आखिरकार इन्होंने निर्दोष व्यक्तियों को धोखा दिया।

बड़सर के सोमदत्त और इनके बेटे ईशांत भी फँसे भँवरजाल में , डूबे 14 लाख , 62 हज़ार रुपए

इन शातिरों के भँवरजाल में बड़सर के पीड़ित सोमदत्त और उसके बेटे इशांत भी फँस गये। आरोपी ठगों ने इन्हें धोखा देकर 14,62,300 / - रुपये उसी तरीका वारदात का उपयोग करके अलग-अलग बैंकों के खातों में पैसे डलवाये। ये बैंक खाते शिव गुरु @ पप्पू नाम के एक अन्य व्यक्ति द्वारा प्रदान किया गये थे। इस प्रकार ठगे गए पैसों को आपस में बांट लिये करते थे। ये सभी शिवगुरु @ पप्पू , संदीप चौधरी , विपन , और पंकज के साथ मिलकर यह सब आपराधिक धोखाधड़ी कर रहे थे।

शातिर ग्राहकों के व्यक्तिगत विवरण और उनके बैंक खाते जैसे आधार कार्ड , पैन कार्ड , पूरे खाते का विवरण , एटीएम की समाप्ति तिथि , सीवीवी नंबर एटीएम कार्ड नंबर और बैंक खाते के साथ जुड़ा मोबाइल नंबर आदि हासिल करते थे और फिर इन बैंक खातों उपयोग ठगे गए पैसे को लेने के लिये उपयोग करते हैं। और इन अकाउंट नंबर को Google Pay और Paytm के साथ जोड़ा। फिर वे इस पैसे को दूसरे बैंक अकाउंट नंबर में ट्रांसफर कर देते हैं और उस पैसे को ATM के जरिए निकाल लेते।

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और पोल खोल खबरें
https://youtu.be/U9VnoJDjOXE?si=ZbOnbbs0-COT1i1d ठंड में सुबह पहुंचीं महिलाएं, चार घंटे देरी से हुए ऑपरेशन https://youtu.be/ufPZUcCxnwc?si=ljShFslFUBg6_b7_ आईजीएमसी में नौकरी से निकाले गए सुरक्षा कर्मी सीटू के बैनर तले उतरे सड़कों पर अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ का शिमला जीपीओ के बाहर हल्ला बोल अस्पताल में सेवा दे रहे दो सुरक्षाकर्मी आपदा में दुर्घटनाग्रस्त होने से मेडिकल अवकाश पर तो नहीं दीया जा रहा वेतन शिमला, सुन्नी-लूहरी सड़क मार्ग बहाल न हुआ तो करेंगे प्रदर्शन सड़क बहाल न होने से भारी दिक्कत झेल रहे तुमन के ग्रामीण HPPSC में धांधली को लेकर मुख्यमंत्री के नाम का आया पत्र। कूड़े के ढेर और बन्दर बने भराड़ी वासियों के लिए आफत Breaking News: पुलिस मेरा कुछ नहीं बिगड़ सकती" क्योंकि मैं मीडिया से हूं पोल खोल:ग्राम पंचायत बस्सी के उप प्रधान के खिलाफ दायर याचिका में 2 साल से नहीं हो पाया निर्णय।
-
-
Total Visitor : 1,63,80,638
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy