हमीरपुर / रजनीश शर्मा
ज़माना चाहे कुछ भी कहे लेकिन देशभक्ति के संस्कार केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर लोकसभा के जनप्रिय युवा सांसद अनुराग ठाकुर को घर की दहलीज़ पर ही मिले हैं। राष्ट्रप्रेम के इस पाठ को अनुराग ने आज भी याद रखा हुआ है। कारगिल युद्ध के वक़्त प्रेम कुमार धूमल का युद्धक्षेत्र में जाकर सैनिकों का मनोबल बढ़ाना अनुराग ने भलीभाँति देखा है। एक सांसद के तौर पर लोकसभा में प्रेम कुमार धूमल ने पूर्व सैनिकों , एक रैंक एक पेंशन , हिमालयन रेजीमेंट जैसे मुद्दों को तथ्यों सहित रखा, उस वक़्त भी अनुराग इन चर्चाओं को गम्भीरता से सुनते रहे।यही वजह है कि देश से ग़द्दारी होते वह देख नहीं सकते तथा भारत माँ और तिरंगे के केख़िलाफ़ एक शब्द भी नहीं सुन सकते।
दिल्ली चुनावों में स्टार प्रचारक और विवादों के कारण चर्चा में रहे केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर वीरवार को दिल्ली से ऊना और ऊना से देर रात अपने पैतृक निवास हमीरपुर के समीरपुर गाँव पहुँचे। शुक्रवार सुबह से ही उनसे मिलने वालों का जमावड़ा लग गया। मिलने वालों की भीड़ इतनी ज़्यादा थी कि अवाहदेवी की तरफ़ दो किलोमीटर तो टौणीदेवी की तरफ़ तीन किलोमीटर तक वाहनों की लम्बी लाइनें लग गयी।
अनुराग ठाकुर को मिलने वह लोग ज़्यादा पहुँचे जिनके प्रदेश में भाजपा सरकार होने के बावजूद काम लटके हुए हैं। लोगों को उम्मीद है कि अनुराग से मिलकर उनके काम निकल सकते हैं।
इसके अलावा पार्टी कार्यकर्ता, मंडल सदस्य, ज़िला भाजपा के नेता और भोरंज की विधायक कमलेश कुमारी भी समीरपुर पहुँच केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर से मिली। समीरपुर की गलियों में लौटी रौनक़ से पूर्व सीएम व अनुराग के पिता प्रेम कुमार धूमल के चेहरे पर भी मुस्कान एवं संतोष दिखा।