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हमीरपुर) गंभीर आरोप : देई का नौण पंचायत में विकास कार्य के लिए धन स्वीकृत करवाने में अनियमितता, पंचायत प्रधान पर निलंबन की तलवार लटकी

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रजनीश शर्मा | February 20, 2020 12:48 PM

हमीरपुर / रजनीश शर्मा

हमीरपुर विकासखंड की देई का नौण पंचायत में विकास इतनी तेजी से हो रहा है कि जिला के मुखिया डीसी तक को ही गुमराह कर बजट स्वीकृत करवा लिया गया। खुलासे के बाद शिकायतकर्ता ने डीसी शिकायत सौंपी और डीसी द्वारा बीडीओ हमीरपुर से जांच करवाने पर कई सच सामने आए हैं। आरोप है कि प्रधान ने पटवारी से मिल डीसी को गुमराह कर फर्जी दस्तावेजों पर पैसा मंज़ूर करवा लिया। आरटीआई में कई सच सामने आने के बाद प्रधान पर निलंबन की तलवार लटक गयी है

इस दिलचस्प मामले में वर्ष 2018 में तत्कालीन डीसी हमीरपुर को किसी अन्य खराब रास्ते का फोटो दिखाकर, फर्जी अस्टीमेट व दस्तावेज तैयार कर रिलीफ फंड से 90 हजार रुपए स्वीकृत करवा लिए। पंचायत की रिपोर्ट में बताया गया कि बारिश के कारण रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है तथा अस्टीमेट में 1 लाख रुपए के करीब नुक्सान भी बताया लेकिन फिर करीब 10 माह तक रास्ते की मुरम्मत नहीं करवाई। वर्ष 2019 में उसी रास्ते के लिए नाम बदलकर 14वें वित्तायोग में दोबारा 90 हजार धनराशि स्वीकृत करवाई गई और दोनों कार्य एक साथ शुरू किए गए।

क्या है यह मजेदार मामला

मजेदार बात रही कि रास्ता कोई बताया गया और निर्माण कार्य एक पशुशाला तक किया गया। आरटीआई के तहत ली गई सूचना में जब इसका खुलासा हुआ तो शिकायतकर्ता ने इसकी शिकायत डीसी हमीरपुर के पास तथ्यों सहित कर दी। डीसी के निर्देश पर बीडीओ हमीरपुर ने शिकायत पर 2 बार जांच की तो पाया कि 11 प्रत्यक्षदर्शियों ने माना कि इस रास्ते को मुरम्मत की जरूरत नहीं थी जबकि 3 लोगों ने ही यह लिखकर दिया कि रास्ता खराब था। जांच अधिकारी ने भी पाया कि पंचायत द्वारा विकास कार्य के लिए धन स्वीकृत करवाने में अनियमितता बरती गई है तथा जिला के उच्चाधिकारियों को धन स्वीकृत करवाने में गुमराह किया गया है।

जांच में पटवारी की रिपोर्ट भी पाई गलत, बिना बारिश के कैसे टूटा रास्ता

जांच के दौरान राजस्व विभाग की कार्यप्रणाली भी सवालों में घिरी है क्योंकि रिलीफ फंड से पैसा स्वीकृत होने के करीब 10 माह बाद संबंधित हलका पटवारी न रिपोर्ट दी है कि रास्ता उखड़ा हुआ है तथा मुरम्मत की जरूरत है और पटवारी की यह रिपोर्ट भी स्वीकृत हुए पैसे की जगह के लिए नहीं है, वहीं आरटीआई एक्ट में ली सूचना में पटवारी के रोचनामचे के अनुसार 4 साल में संबंधित कार्यस्थल या उसके आसपास कोई बारिश से कोई नुक्सान नहीं हुआ है। जांच रिपोर्ट में भी यह बात सामने आई है कि पटवारी की रिपोर्ट गलत है। न बारिश हुई तो अढ़ाई साल में ही कैसे टूट गया रास्ता यहीं पर वर्ष 2015 में 13वें वित्तायोग से 2 बार कुल 1 लाख 20 रुपए स्वीकृत हो चुके हैं तथा उस समय हुई एक इन्क्यावयरी भी इस रास्ते को लेकर हुई थी जिसमें पाया गया था कि रास्ता बिल्कुल ठीक है। ऐसे में जांच में यह भी सवाल उठा कि रास्ता अढ़ाई साल में ही कैसे उखड़ गया।

एक नहीं , कई जगह गड़बड़, आरटीआई ने उगले कई सच

किस तरह किसी विशेष व्यक्ति को फायदा पहुंचाने के लिए गुमराह कर सकते हैं, इससे भी पर्दा उठा है। पहले पंचायत द्वारा डी.सी. को गुमराह करके पैसा स्वीकृत करवाया गया और उसके बाद बीडीओ कार्यालय को बाईपास कर सीधे जिला राजस्व विभाग की रिलीफ ब्रांच से पैसा ले लिया गया। पैसा स्वीकृत करवाने के समय तकनीकी ब्रांच द्वारा झूठा अस्टीमेट बनाया गया था।

कनिष्ठ अभियंता की रिपोर्ट पर भी उठ रहे सवाल

ब्लाक कार्यालय के कनिष्ठ अभियंता ने जांच के दौरानअपनी रिपोर्ट में बताया है कि रास्ते को चौड़ा करने केलिए डंगे लगाए जाने की जरूरत थी जबकि रास्ता जिसघर के लिए बनाया जाना है, उसके लिए भी डंगों कीजरूरत नहीं थी तथा डंगे प्रधान की पशुशाला को जानेवाले रास्ते पर लगाया गया है। यहां यह भी महत्वपूर्ण हैकि प्रधान की पशुशाला तक ही रास्ता 8 फीट चौड़ा हैजबकि उसके बाद रास्ते की चौड़ा अढ़ाई से तीन फीट हीहै। ऐसे में यहां इतने चौडे रास्ते की आवश्यकता ही नहींथी।

 इस बारे में अस्मिता ठाकुर, बीडीओ हमीरपुर ने कहा कि देई का नौण पंचायत के रास्ते निर्माण को लेकर शिकायत हुई थी जिसमें उच्चाधिकारियों को गुमराह कर धन स्वीकृत करवाने की बात सामने आई है तथा पंचायत द्वारा विकास कार्यों में अनियमितता बरतने की बात भी जांच में सामने आई है। पूरी रिपोर्ट जिला पंचायत अधिकारी को भेज दी है

 


वहीं हरबंश सिंह , जिला पंचायत अधिकारी हमीरपुर ने कहा कि देई का नौण में विकास कार्यों को लेकर शिकायत आई थी जिस पर बीडीओ कार्यालय की ओर से जांच की गई है। जांच रिपोर्ट आ गई थी लेकिन रिपोर्ट में मामले को लेकर जिम्मेवार व जबावदेह लोगों ने नाम नहीं दिए थे जिस कारण दोबारा रिपोर्ट बीडीओ कार्यालय भेजी है। जैसे ही रिपोर्ट बी डीओ कार्यालय से आएगी तो अगली कार्यवाही के लिए जिलाधीश को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी।

पंचायत प्रधान रंजन शर्मा ने सारे आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताते हुए सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि वह हर जाँच के लिए तैयार हैं।

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