हमीरपुर/ रजनीश शर्मा
कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश में खनन माफ़िया और अवैध पेड़ काटुओं को लेकर लगाए जा रहे आरोप पुख़्ता होते दिख रहे हैं। ऐसा ही मामला हमीरपुर जिला के सधरियाण में सामने आया है। यहाँ पेड़ कटान का लाइसेंस लेकर वन विभाग की आंखों में धूल झोंक अवैध कारोबार को अंजाम दिया जा रहा है। चर्चा है कि किसी राजनीतिक शरण के बिना यह अवैध कटान संभव नहीं है।
हमीरपुर जिला के उपमंडल भोरंज के सधरियाण में निजी भूमि पर बिना अनुमति के खैर के 195 पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला दी। जबकि, ठेकेदार ने वन विभाग से खैर के 98 पेड़ों को काटने की अनुमति ले रखी थी। गुप्त सूचना के आधार पर राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो हमीरपुर की टीम ने मौके पर पहुंच मामला दर्ज कर लिया है।
विजिलेंस ब्यूरो ने दस्तावेजों की जांच के बाद पाया कि संबंधित ठेकेदार ने वन विभाग से 98 पेड़ों को काटने की अनुमति ले रखी थी लेकिन, मौके पर 195 पेड़ कटे हुए मिले। सौ से अधिक खैर के पेड़ों के ठूंठ जड़ों समेत उखाड़ कर छिपा दिए गए।
विजिलेंस टीम ने शिकायत की पुष्टि होने के बाद ठेकेदार के खिलाफ हिमाचल प्रदेश प्रिवेंशन ऑफ स्पेस्फिक क्रॉप्ट प्रैक्टिसिज एक्ट में मामला दर्ज किया है। विजिलेंस की यह कार्रवाई वीरवार रात को शुरू हुई जो शुक्रवार देर रात तक चलती रही। विजिलेंस ने काटे गए खैर के पेड़ों की सारी लकड़ी को अपने कब्जे में ले लिया है।
उधर, वन विभाग की डीएफओ डॉ. एलसी बंदना का मोबाइल फोन स्विच ऑफ होने और शिवरात्रि की छुट्टी के चलते उनसे इस मामले में बात नहीं हो पाई।