शिमला ,
22 मार्च का दिवस पूरे विश्व में जल संरक्षण दिवस के रूप में मनाया जाता हैlजल संरक्षण दिवस हमें संकल्प दिवस के रूप में मनाना चाहिए, इस दिवस पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि हम जल की बूंद बूंद बचाएंगेl इस वक्त दुनिया में 1.5 अरब लोगों को पीने का शुद्ध पानी नहीं मिल रहा है, 2025 में यह संख्या एक अरब 84 लाख को पार कर जाएगी lनीति आयोग की एक रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में करीब 50% प्राकृतिक जल स्रोत सूख गए हैंl एक खासी आबादी पानी के लिए इन जल स्रोतों पर निर्भर है lजो वस्तु हमें आसानी से मिलती है, मानव उसकी कदर नहीं करता जब उस वस्तु का अभाव हो जाए तो चारों तरफ हाहाकार मच जाता है |हम जरा उन क्षेत्रों की कल्पना करें जहां जल का अभाव है वहां पर सुबह 4:00 बजे पानी की बाल्टी लिए कतार में लोग खड़े हो जाते हैंl घंटों लाइन में लगने के बाद भी अगर पानी ना मिले तो बहुत कष्ट होता हैl lहमारी पूरी दिनचर्या जल से ही आरंभ होती है और जब तक रात्रि विश्राम के लिए हम नहीं जाते तब तक जल की आवश्यकता रहती है lअतः हम कह सकते हैं कि जल ही जीवन है लेकिन जीवन देने वाले इस जल को क्या हम सहेज रहे हैं? क्या इसका सरंक्षण कर रहे हैं? पानी बचाओ के बारे में हमारी उदासीनता ने पानी इतना बर्बाद कर दिया है कि अब पूरी दुनिया में जल संकट का खतरा पैदा हो गया है lकई इलाके सूखाग्रस्त घोषित किए जा चुके हैं lभारतीय हिमालय क्षेत्र में लगभग 30 लाख जल स्रोत हैं, करीब 20 करोड लोग इन जल स्रोतों पर निर्भर है 50% सूख गए हैंl हाल ही में नीति आयोग की ओर से जारी रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है इस संकट से उभरने के लिए नीति आयोग ने स्प्रिंग शेड rivival योजना बनाई यदि हम अब नहीं जागे तो वह दिन भी दूर नहीं जब हम पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसेंगेl यदि हम पर्यावरण का संरक्षण करेंगे, तो पर्यावरण हमारा संरक्षण करेगा यदि समय रहते हमने पर्यावरण का संरक्षण नहीं किया तो धरती पर मानव जीवन व अन्य जीव-जंतुओं का जीवन संभव नहीं होगाl यदि हम कहीं भी पानी की बर्बादी होते हुए देखते हैं तो यह हम सभी का परम कर्तव्य बनता है कि हम इस बात को प्रशासन व संबंधित व्यक्ति विशेष के ध्यान में लाये lयदि हमारे घरों में पाइप या नल से जल अनावश्यक रूप से टपकता है तो हम उसको तुरंत ठीक करवा कर पानी की बर्बादी को रोके व जल को बचाएं lयदि किसी नल से प्रति सेकेंड एक बूंद पानी भी गिरे तो हर महीने 1000 लीटर से भी अधिक पानी बर्बाद हो जाएगा lइसलिए परिवार व समाज के हर एक सदस्य की जिम्मेवारी बनती है कि वह जल को बचाएl जल संरक्षण का संवेदनशील विषय लोगों के मन मस्तिष्क में गहराई से उतरे, यह आज समय की मांग हैl पानी की एक-एक बूंद कीमती है अगर आप इसे बचाएंगे तो यह भविष्य में आपके ही काम आने वाला हैl जल संरक्षण के प्रति संकल्प, सकारात्मक सोच, व दूरदृष्टि निर्णय लेने का उचित समय हlै मैंने जल सरंक्षण का एक संदेश पढ़ा था मैं इस समय उसे अवश्य यहां लिखना चाहूंगा कुछ लोग किसी परिचित के घर गए थेl थोड़ी देर बाद उनकी बेटी ट्रे में 5 गिलास पानी ले आईl गिलास की क्षमता ढाई तीन सौ मिलीलीटर होगी lउनमें से किसी ने 2 _3 घूंट, किसी ने आधा गिलास, उनमें से किसी ने दो-तीन घूंट पानी के पिए और किसी ने आधा गिलास, तो किसी ने होठों को गीला करके गिलास रख दिए lगिलासों में बचे पानी को उन्होंने सिंक में डाल दियाl इस तरह से पानी बर्बाद हुआ इस बात को सोचने पर मजबूर किया, कि एक तरफ तो हम पढ़ते हैं व सुनते हैं कि शहर में लोग पानी की कमी से परेशान हैl कहीं दो-तीन दिन के बाद पानी आता है कहीं लोगों को पानी की बाल्टी लेने के लिए घंटों लाइन में लगना पड़ता है lदूसरी तरफ हम इस तरह पानी बर्बाद कर रहे हैंl इससे प्रेरित होकर उन्होंने घर के लिए छोटे गिलास खरीदे और ट्रे में पानी का जग व साथ में छोटे खाली गिलास रखने शुरू किए ताकि जितना पानी पीना हो पी ले बाकी जल की अनावश्यक बर्बादी ना हो lक्योंकि बूंद-बूंद से ही घड़ा भरता हैl वैसे ही हम सब के सम्मिलित प्रयास पानी की बूंद बूंद को बचा सकते हैं पानी की बर्बादी को रोकना व पानी को प्रदूषित होने से रोकना भी जल संरक्षण ही है lसरकार व स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना वायरस महामारी के लिए यह आवश्यक है कि हम बार-बार साबुन से हाथ धोए lजिसका तात्पर्य है कि हमें और अधिक जल की आवश्यकता पड़ेगी इसलिए और अधिक हमें जल संरक्षण के लिए संकल्प बान बनने की आवश्यकता है lहम कुछ उपाय करके जल का संरक्षण कर सकते हैं नंबर 1 अपशिष्ट पदार्थों एवं अनौपचारिक औद्योगिक व घरेलू जल के नदियों का जल स्त्रोतों में प्रवाहित ना करें lनंबर 'दो खुले में शौच ना करेंl जल शोधन सशक्तिकरण योजना वापिस का हिस्सा बने नंबर 4 धार्मिक समारोह के दौरान मूर्तियों का विसर्जन केवल निर्धारित स्थानों पर ही करें नंबर 5 सेप्टिक टैंक का ठीक ढंग से रखरखाव करें l आइए आप और हम मिलकर जल प्रदूषण को कम करें और जल संरक्षण अभियान का हिस्सा बने l मैं यहां पर सभी विद्यालय, महाविद्यालय व अन्य संस्थानों के प्रशासकों व शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों से आग्रह करूंगा कि जल सरंक्षण में वह महत्वपूर्ण भूमिका निभाए वहीं राष्ट्रीय सेवा योजना के वर्ष भर लगने वाले शिविरों के दौरान एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी व campo में भाग ले रहे प्रतिभागी भी जल संरक्षण में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं इस तरह तुरंत कुछ कदम उठाकर हजारों लीटर जल बचाया जा सकता है पर्यावरण संरक्षण की इस मुहिम में हम सभी को बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए ताकि बाद में हमें पछताना ना पड़ेl