एक तरफ जहां उत्तर भारत में वक्त से पहले ही गर्मी ने दस्तक दे दी है वहीं यूरोप के कई मुल्कों में पारा माइनस से भी नीचे चले जाने और बर्फ ही बर्फ जम जाने के चलते जनजीवन ठप हो गया है। बर्फीले तूफान से बीते एक हफ्ते में ठंड के चलते 60 से ज्यादा लोगों की मौत की खबर है। इसमें 23 से ज्यादा मौतें सिर्फ पौलेंड में हुई हैं। स्लोवाकिया में सात, चेक गणराज्य में छह और लुथियाना में पांच मौते हुई हैं। इसके अलावा स्पेन, इटली, रोमानिया, सर्बिया, स्लोवेनिया, ब्रिटेन और नीदरलैंड, स्वीडन और नॉर्वे में भी मौतों की खबरे हैं। फ्रांस में भी नौ मौतों की खबर है। वहीं आयरलैंड में ट्रांसपोर्ट ठप है और ज्यादातर फ्लाइट रद्द हैं, देश के बड़े हिस्से तक बिजली भी नहीं पहुंच पा रही है। कईजगहों पर पारा -10 से -20 डिग्री तक लुढ़का हुआ है।
ज्यादातर जगहों पर प्रशासन ने बच्चों और बुज़ुर्गों को घरों से ना निकलने की सलाह दे दी है। क्रोएशिया के कई शहरों में पारा माइनस 15 डिग्री तक लुढ़क गया है। आयरलैंड में रनवे पर बर्फ जमने से डबलिंग एयरपोर्ट को बंद करना पड़ा है। जेनेवा में कई जगहों पर 5 इंच तक बर्फ की मोटी परत जमी है। उत्तरी नीदरलैंड में तापमान माइनस 43 डिग्री तक दर्ज हुआ है। ब्रिटेन में तापमान माइनस 23 डिग्री दर्ज किया गया है। यह 55 साल में सबसे कम है। स्कॉटलैंड में भी रेड अलर्ट है। इटली के नेपल्स में 50 साल की बर्फबारी का रिकॉर्ड तोड़ा है। वहीं इटली की राजधानी रोम में 32 साल में दूसरी बार बर्फ गिरी है। रूस के मॉस्को में तापमान माइनस 21 डिग्री तक दर्ज हुआ है।