शिमला,
कोरोना से कैसे बचेगा किंगल शीर्षक से हिमालयन अपडेट के वेब पोर्टल पर 20 मार्च 2020 को प्रकाशित खबर से शिमला जिला के उपमंडल कुमारसैन का प्रशासन हरकत में आ गया। खबर के अगले दिन 21 मार्च को बीडीओ नारकंडा मृगना देवी, प्रधान ग्राम पंचायत जार आरती निर्मोही सहित विकास खंड नारकंडा और जार पंचायत के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंच कर स्थिति का जायजा लिया। गंदगी और अत्याधिक वातावरण प्रदूषण के कारण अधिकारी रुमाल और कपड़ों से मुंह ढक कर ही मौके का मुआयना करते नजर आए।
बीडीओ नारकंडा के दिशानिर्देशों से प्रधान ग्राम पंचायत जार आरती निर्मोही से समक्ष स्थानीय निवासी रत्न चंद भारती एंव मनीष डोगरा ने लिखित बयान दर्ज किये कि वह पन्द्रह दिनों के भीतर सेप्टिक टैंक बनाएंगे और अपने गंदे एंव दूषित पानी की व्यवस्था करेंगे अन्यथा उन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
गंदगी के इस मामले में शिमला के विशेष संवाददाता एंव साहित्यकार हितेन्द्र शर्मा को एक शिकायतकर्ता के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जोकि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। कोताही एंव लापरवाही के मुद्दों एंव अन्य समस्याओं को उजागर करना पत्रकारों का कार्य है। पत्रकार को शिकायतकर्ता बताने पर जब बीडीओ नारकंडा से सम्पर्क किया तो उन्होंने बताया कि उन्हें यह आदेश एसडीएम कार्यालय कुमारसैन से आए है, वहां पर इस विषय की शिकायत हुई है। इस कार्यवाही से सम्बंधित आदेशों एंव शिकायतकर्ता की जानकारी मांगने पर उन्होंने छुट्टी का हवाला देते हुए बताया कि जब वह अपने कार्यालय में बैठेंगे तभी इस विषय पर जानकारी देंगे।