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लेख

अनलॉक एक का मतलब है और अधिक सावधानी, एतिहात

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अजय वशिष्ठ | June 04, 2020 11:29 AM

शिमला ,
विश्व में करोना महामारी से 61 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और लगभग तीन लाख सतर हज़ार से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं lइस समय विश्व भर में शोक की लहर है और कई देशों में शोक मनाया जा रहा है अमेरिका जैसे शक्तिशाली देश में एक लाख से अधिक मौतें हो चुकी हैं ब्राज़ील, रूस ,स्पेन ,इंग्लैंड, इटली और विश्व के भारत सहित लगभग सभी देशों में इसका भयावह असर देखने को मिला है । लॉकडाउन के दौरान लोगों की एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने की स्वतंत्रता पर पूर्ण अंकुश लगाना , आर्थिक गतिविधयों को कुछ समय के लिए बंद करना लेकिन यह पाबंदी इंसान के जीवन को बचाने के लिए अत्यावश्यक थी । भारत में समय से लॉक डाउन के फैसले को सराहा ते हुए भारतीय मूल के अमेरिकी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर इंद्रनील बसु ने कहा कि भारत ने समय से लॉक डाउन लगाकर कई जाने बचा ली, ऐसा करने से करो ना से होने वाली मौतों की संख्या को काफी कम करने में मदद मिली। संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुट्रीस ने चेतावनी दी कि को कोविड -19 महामारी अकल्पनीय तबाही का कारण बन सकती है । हाल के दशकों की सभी तकनीकी और वैज्ञानिक प्रगति के बावजूद एक सूक्ष्म वायरस के कारण एक अभूतपूर्व मानवीय संकट पैदा हो गया है। गुटरस ने कहा कि यदि हम अभी कार्यवाही नहीं करेंगे तो कोविड 19 महामारी दुनिया भर में अकल्पनीय तबाही व पीड़ा की वजह बनेगी तथा भयानक भूख और अकाल की स्थिति होगी । 6 करोड से अधिक लोग अत्यधिक गरीबी में चले जाएंगे । 1.6 अरब लोग बिना आजीविका के होंगे ।लंबे समय तक चलने वाले लॉकडाउन के बाद विश्व के लगभग सभी देशों ने यह महसूस किया कि बहुत लंबे समय तक विकासात्मक तथा अर्थव्यवस्था से जुड़ी गतिविधियों को भी बंद नहीं रखा जा सकता ,क्योंकि इसका अर्थव्यवस्था पर बड़ा गंभीर असर हुआ है । इस बात को मध्य नजर रखते हुए कि कामगारों ,किसानों को काम मिले,उद्योग, व्यापार, परिवहन ,बाजार ,शिक्षण संस्थाएं धार्मिक तथा पर्यटन से जुड़ी हुई गतिविधियां भी साथ साथ में चलती रहनी चाहिए। इसलिए विश्व भर में छूट का दौर शुरू हो चुका है ।इंग्लैंड में भी 1 जून से पाबंदियां हटी है ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि देश में 1 जून से पाबंदियां हटनी शुरू हो जाएंगी लोगों को उनके मौजूदा नियमों में दी जा रही छूट सीमित है , लेकिन लोगों को अब सावधान रहने की जरूरत है ।स्पेन ने 31 मई से तीन चरणों में देश से पाबंदियां हटाने का ऐलान किया, देश के स्वास्थ्य मंत्री सल्वाडोर इला ने कहा पहले हफ्ते में देश के करीब आधी आबादी को लॉक डाउन के नियमों में छूट दी जाएगी । फ्रांस के प्रधानमंत्री एडुआर्ड फिलिप ने कहा कि राजधानी पेरिस करोना के रेड जोन से बाहर हो गया है। लॉक डाउन में राहत देने का दूसरा चरण शुरू होगा ,2 जून से वहां पर भी रेस्तरां ,बार और कैफे खोलने की इजाजत दी जाएगी, बीच और पार्क में भी लोग आ जा सकेंगे । जापान में भी मॉल खोलने की इजाजत मिल गई है । बढ़ते संक्रमण के बीच देश को फिर से पटरी पर लाने के लिए भारत की केंद्र सरकार ने भी लगभग 70 दिनों के बाद चरणबद्ध तरीके से बंदिश हटाने का ऐलान कर दिया कि जून तक बढ़ाए गए लॉक डाउन के तहत भारत ने धीरे-धीरे पाबंदियां हटाना शुरू कर दिया है कैंटोनमेंट जोन में ही यह पाबंदियां रहेंगी|


केंद्र सरकार ने 1 जून से बिना पास के लोग पूरे देश में कहीं भी आ जा सकेंगे । 8 जून से सभी धार्मिक स्थल होटल, रेस्टोरेंट और शॉपिंग मॉल खुल सकेंगे ।दूसरे चरण में स्कूल कॉलेज समेत सभी शिक्षण संस्थानों को खोलने की भी तैयारी है ।भारतीय रेल देशभर में कई श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रहा है ताकि प्रवासियों की अपने घरों की वापसी को सुनिश्चित किया जा सके ।वहीं हिमाचल प्रदेश में 70 दिनों के बाद जिले के 500 रूटों पर 1 जून से बसें दौड़नी शुरू हो गई है बसों को सैनिटाइज कर दिया गया है ।बसों में 60% सवारियां सफर कर पाएंगी ।करोना वायरस को लेकर आम लोगों को जागरूक करने के लिए बसो की सीटों के पीछे गाइडलाइंस लगाई जाएगी ।बसों में 3 सीटों पर केवल 2 सवारियां ही बैठ सकेंगे बीच की सीट पर क्रॉस का निशान लगाया गया है।

प्रशासन के द्वारा यह लॉक डाउन में दी गई इस स्वतंत्रता को हमें हल्के में नहीं लेना होगा यह स्वतंत्रता हम सभी के हितों को ध्यान में रख कर दी गई है अब हम पर निर्भर करता है कि हम इसका किस तरह से सदुपयोग कर अपने आप को व दूसरों को सुरक्षित रख पाएंगे ।बढ़ते संक्रमण से भी बचना है और गतिविधियां भी चलती रहनी चाहिए इसलिए हर व्यक्ति को सावधान और सजग रहने की परम आवश्यकता ह । हमें अपने स्वास्थ्य व दूसरों के स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की आवश्यकता है । ऐसी स्थिति में हम जहां कहीं पर भी हो ,ऑफिस में ,सार्वजनिक स्थलों पर ,पार्कों म,सड़कों पर बस अड्डों , अस्पतालों में शिक्षण संस्थाओं में, बाजारों में ,रेलगाड़ियों में, हवाई जहाजों में , धार्मिक स्थलों पर वहां पर हम सभी को सावधानी बरतने की आवश्यकता है तथा स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों की कड़ाई से अनुपालना करने की आवश्यकता है तभी हम अपने आप को सुरक्षित रख पाएंगे और अपने परिवार को भी तथा समाज को भी
1 जून से शुरू हो हुए ट्रांसपोर्ट पब्लिक ट्रांसपोर्ट के कारण हमें सावधानियां अपनाने की आवश्यकता है ताकि हम नियमों की अनुपालना कर अपनी यात्रा को सुरक्षित बना सक, क्योंकि करो ना हारेगा भारत जीतेगा किसी भी स्थिति में उचित शारीरिक दूरी बनाए रखना परम आवश्यक होगा । यात्रा करते समय स्वयं भी मास्क का प्रयोग करना आवश्यक है तथा आसपास बैठे यात्रियों को भी मासिक लाने के लिए प्रेरित करना होगा जिससे मुंह व नाक ढका रहे ।आंख ,नाक, मुंह को बिना हाथ धोए छूने से परहेज करना होगा । बसों में पहले की तरह ओवरलोडिंग वह भी करना अब पुरानी आदत होगी यदि हम अपने आप को सुरक्षित रखना चाहते हैं तो बस में संचालन के समय 60% यात्री ही यात्रा कर सकेंगे इसे सुनिश्चित करने में ड्राइवर कंडक्टर व प्रशासन को पूर्ण सहयोग करना हमारा परम कर्तव्य होना चाहिए ।
जब भी यात्रा करें तो सैनिटाइजर अपने साथ रखें व समय-समय पर अपने हाथों को इससे साफ करते रहे ।
यदि अति आवश्यक हो तो ही यात्रा करें ।
अनावश्यक यात्रा से बचना ही अपने आप को सुरक्षित रखना होगा ।10 वर्ष की आयु से कम के बच्चे, गर्भवती महिलाएं वरिष्ठ नागरिक व गंभीर बीमारियों से ग्रसित व्यक्ति यात्रा तभी करें जब अति आवश्यक हो । हम किसी भी क्षेत्र में हो यदि हम व्यक्तिगत दूरी बनाए रखेंगे मांस का प्रयोग करेंगे सैनिटाइजर का प्रयोग करेंगे साबुन व जल से बार-बार हाथ धो एंगे सार्वजनिक स्थलों पर नहीं रुकेंगे बार-बार अपने नाक आंख और मुंह को नहीं छोड़ेंगे तभी हम अपने आप को करो ना वायरस से सुरक्षित रख सकते हैं अनलॉक एक का मतलब है अपनी जिम्मेदारियों को बड़ी सावधानी ,संजीदगी से निभाना ताकि करोना महामारी से बचाव किया जा सके ।

अजय वशिष्ठ
सदस्य, एनएसएस राज्य सलाहकार समिति शिक्षा निदेशालय हिमाचल प्रदेश।

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