शिमला,
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के राष्ट्रीय सचिव व हिमाचल प्रदेश के प्रदेश प्रभारी गौरव तुषीर ने कोरोना महामारी के संकट से कॉलेज छात्रों का साल बर्बाद होने से बचानेके लिए ई - मेल के माध्यम से मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को ज्ञापन भेजा । भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की हिमाचल प्रदेश राज्य इकाई ने इस ज्ञापन पत्र के माध्यम से मुख्यमंत्री से कोरोना महामारी के संकट के कारण प्रदेश के हज़ारों कॉलेज छात्रों का साल बर्बाद होने से बचाने की अपील की है।
गोरव तुषीर ने कहा कि कोरोना संकट के कारण कॉलेजों की वार्षिक परीक्षाओं में पहले से ही बहुत देरी हो चुकी है और भविष्य में भी इन परीक्षाओं के होने को लेकर बहुत सी अनिश्चितताएं बनी हुई है। इन सब कारणों से कॉलेज छात्रों का साल बर्बाद होने की स्थिति बनी हुई है और प्रदेश के सभी छात्र-छात्राएं अपनी शिक्षा, समय और कैरियर को लेकर काफी मानसिक परेशानी से गुजर रहे हैं। ऐसे में एनएसयूआई ने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मांग कि है कि कॉलेजों के प्रथम व द्वितीय वर्ष के छात्रों को उनके पिछले परफॉरमेंस के आधार पर ही बिना परीक्षा के अगले वर्ष में प्रमोट किया जाये और अंतिम वर्ष के छात्रों को उनके पिछले परफॉरमेंस में अतिरिक्त 10% अंकों को जोड़ के प्रमोट किया जाये, जिससे प्रदेश के हज़ारों छात्रों का साल बर्बाद होने से बच सकेगा। इसके साथ ही एनएसयूआई ने मुख्यमंत्री से विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा में 18% GST के फैसले को वापस लेने और भविष्य में भी शिक्षा पर कोई अतिरिक्त टैक्स आदि न लगाने कि मांग की है।
गौरव तुषीर ने कहा कि प्रदेश विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेजों से ली जाने वाली एफ़िलिएशन, इंस्पेक्शन और कन्टीन्यूएशन फीस के साथ अतिरिक्त 18% GST टैक्स लेने का जो फैंसला लिया है उससे कोरोना काल में कॉलेजों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ बढ़ेगा और कॉलेज वाले इसकी पूर्ति करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से छात्रों से अधिक फीस वसूलेगें। एनएसयूआई इस प्रकार से कोरोना जैसे संकट में किसी भी प्रकार की फीस वृद्धि बर्दाश्त नहीं करेगी