शिमला,
जिसे प्रकार विधित ही है वर्तमान समय पूरा विश्व एक गंभीर माहमारी से लड़ रहा है वहीं दूसरी ओर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इस कोरोना के संकट में भी विद्यार्थियों की चिंता कर रहा है।जहाँ एक तरफ लोगो को रोजमरा की गतिविधियों में असुविधा हो रही है वहीँ दूसरी ओर इस संकट के समय मे छात्रों का भी बहुत नुकसान हो रहा है जिससे उन्हें भविष्य में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।
प्रान्त मंत्री राहुल राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि छात्रों की विभिन प्रकार की समस्याओं को देखते हुए विद्यार्थी परिषद ने पूरे प्रदेश के9920 छात्रों से फ़ोन के माद्यम से संपर्क किया और शिक्षा के क्षेत्र में उनसे चर्चा की और सुझाव लिए।इन सभी बातों को देखते हुए विद्यार्थी परिषद ने आज शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ज्ञापन सौंपा जिसमे मुख्यतः मांगे यह रही, सभी विश्विद्यालय और उच्च शिक्षण संस्थान UGc के नियमो के अनुरूप आगामी वर्ष का शैक्षणिक कैलेंडर जारी करे जिससे छात्रों को आसानी हो, प्रदेश में कोरोना संक्रमित लोगो की संख्या के नियंत्रण होने पर शारारिक दूरी रखते हुए और सेनेटाइजर का प्रयोग करते हुए सभी महाविद्यालयो और विश्वद्यालयो में परीक्षाएं करवाई जाएं, हर शिक्षण संस्थान में आधुनिक सुविधाओ से युक्त बेविनार कक्ष बनाया जाए, तालाबन्दी परिस्थितियों में पाठयक्रम को पूरा करवाने के लिए जहाँ तकनीकी खराबी के कारण ऑनलाइन नहीं पढ़ाया जा सकता वहाँ डाक के माध्यम से सामग्री पहुँचाई जाएं, प्रयेक महाविद्यालयों और विश्विद्यालय में Placement cell बनाया जाए और उसे श्रम और रोजगार विभाग के साथ जोड़ा जाए जिससे रोजगार की जानकारी वहीं छात्रो को मिल सकें, पिछले दो सालों से अवरुद्ध पड़ी sc/st छात्रवृति को शीघ्र दी जाए, हिमाचल प्रदेश विश्विद्यालय में इक्डोल की बड़ी हुई फीस को वापिस लिया जाए, कोरोंना के चलते प्रदेश के महाविद्यालयो और विश्विद्यालयो के छात्रावासो में रह रहे छात्रो का शुल्क माफ किया जाए, कलस्टर विश्विद्यालय मंडी में इस वर्ष से ही कक्षाएं शुरू की जाए, कृषि एवं बागवानी विश्विद्यालयो की भरकम फीस को कम किया जाए, निजी विश्विद्यालयो में निगरानी हेतु HP-PERC के नए चेयरमैन की नियुक्ति जल्दी की जाए ताकि निजी विश्विद्यालय के बारे में कोई सकारात्मक निर्णय हो।
इन सभी मांगों को लेकर आज विद्यार्थी परिषद ने ज्ञापन सौंपा जिमसें शिक्षा मंत्री जी ने आश्वाशन भी दिया है कि जितना संभव हो सकता है इस कोरोना के संकट के समय मे वो मांगों को पूरा करने का प्रयास करेंगे।