Thursday, March 28, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
-
कविता

हरीहरपुरी के शब्द

-
प्रीति शर्मा "असीम" | September 01, 2020 12:25 AM

*हरिहरपुरी के शब्द*

1-पुस्तक ब्रह्माक्षरों की धर्मशाला होती है।

2-सरस्वती माँ स्वयमेव पुस्तक के रूप में होती हैं।

3-ईश्वर व्यक्ति के कुकृत्यों के प्रबल गवाह होते हैं।

4-जो ईश्वर को कभी नहीं भूलता,वह स्मरणीय बन जाता है।

5-जिसे ईश्वर से प्रेम है,वही सच्चा प्रेमी होता है।

6-जिसका मन और हृदय स्वच्छ है,वह ईश्वर के पास रहता है।

7-अच्छा काम स्वयमेव धार्मिक क्रिया है।

8-नि:स्वार्थ संबंध चिर स्थायी होता है।

9-धन और सत्ता का व्यामोह व्यक्ति को अमानव बना देता है।

10-जो गलत काम से डरता है,वही सुखी है।

11- प्रामाणिक साक्ष्य की विजय होती है।

रचनाकार:डॉ0रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और कविता खबरें
एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलन का आयोजन राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान 2023 से सम्मानित हुए युवा कवि राजीव डोगरा https://youtube.com/watch?v=CwwB-3QWd7c&si=sDQTJwQAxAjzhthR हिंदी की यही अभिलाषा हिंदी बने राष्ट्रभाषा; लोकेश चौधरी क्रांति आन मिलो मुरारी: सबके चित में तुम बसे , जैसे मुरली ताल शान ए कांगडा़ सम्मान से सम्मानित हुए युवा कवि राजीव डोगरा आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं ,कैसे मिली आजादी यह सबको बताती हूंं ; लोकेश चौधरी ' क्रांति नैनों में तस्वीर तुम्हारी ,दिल में यादों का संसार ;अंजना सिन्हा "सखी पुकार रही है उसकी सजनी, अबकी मिल जाए मेले; अंजना सिन्हा "सखी " जय हिंद के प्रहरी ; पूनम त्रिपाठी "रानी" मुझे भूलना इतना आसान न होगा; पूनम त्रिपाठी "रानी"
-
-
Total Visitor : 1,63,80,686
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy