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प्रदेश के 71 हजार से अधिक लाभार्थी इस योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार का उठा चुके हैं लाभ

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हिमालयन अपडेट ब्यूरो | September 22, 2020 11:42 PM

शिमला,

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मन्त्री राजीव सैजल ने बताया कि भारत सरकार द्वारा आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना का शुभारम्भ 23 सितम्बर, 2018 को किया गया था। इस योजना के लागू होने से पहले स्वास्थ्य योजना के अन्तर्गत आम बिमारियों के लिए केवल 30000 रुपये तक के निःशुल्क इलाज का प्रावधान था और गंभीर बिमारी के उपचार के लिए यह राशि पर्याप्त नही थी जिस कारण गरीब तथा जरूरतमंद परिवारों को गंभीर बीमारी की स्थिति में ईलाज करवाने के लिए कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सुरक्षा योजना आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना का शुभारम्भ सितम्बर, 2018 को किया। इस महत्वकांक्षी योजना को हिमाचल प्रदेश में भी क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना में अस्पताल में भर्ती होने पर पांच लाख रुपये तक के निःशुल्क ईलाज की सुविधा का प्रावधान है।

 

वर्तमान में प्रदेश में 200 अस्पताल योजना के अन्तर्गत पंजीकृत हैं जिनमें से 62 निजी अस्पताल हैं। लाभार्थी पूरे भारत में अन्य राज्यों या केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा पंजीकृृृत अस्पतालों मंे निःशुल्क चिकित्सा का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। भारत में इस योजना के अन्तर्गत 23000 से अधिक सरकारी व निजी अस्पताल पंजीकृत हैं। इस योजना के अन्तर्गत पात्रता के आधार पर सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना, 2011 (प्रदेश के 278245 परिवार) और राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना (प्रदेश के 483643 परिवार) के परिवारों को चयनित किया गया है। यह योजना युनिवर्सल हैल्थ कवरेज को बढ़ावा देने में मददगार है। आयुष्मान भारत के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार के लिए लगभग 1579 प्रक्रियाएं शामिल की गई हैं, जिसमें डे केयर सर्जरीज भी शामिल हैं।

 

उन्होने बताया कि यह महत्वकांक्षी योजना 23 सितम्बर, 2020 को दो वर्ष पूरे कर रही है। इस उपलक्ष्य मंे भारत सरकार द्वारा आरोग्य मंथन 22 सितम्बर से 25 सितम्बर तक आयोजित किया जा रहा है। इस योजना के अन्तर्गत भारत में 10 करोड़ परिवार पात्र हैं और प्रदेश में लगभग 5 लाख परिवार पात्र हैं। दो वर्षाें में भारत में लगभग 3.30 (42 प्रतिशत्) करोड़ परिवारों (7.90 करोड़ लाभार्थी) और प्रदेश में लगभग 3.23 लाख (67 प्रतिशत्) परिवारों (8.48 लाख लाभार्थी) ने गोल्डन कार्ड बनवा लिए हैं। इस योजना के अन्तर्गत भारत में 1.26 करोड़ लाभार्थियों ने 15916.20 करोड़ रुपये के निःशुल्क ईलाज की सुविधा का लाभ प्राप्त कर लिया है। हिमाचल प्रदेश के 71264 लाभार्थियों ने 71.73 करोड़ रुपये के निःशुल्क ईलाज की सुविधा का लाभ प्राप्त किया है।

 

प्रदेश में इस योजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न विभागों के क्षेत्रीय स्तर के अधिकारियों को शामिल किया गया है। सूचना और जनसम्पर्क विभाग की सहायता से पंचायत सूमह के आधार पर राज्य में नुक्कड़ नाटक आयोजित किए गए। योजना से सम्बधित जानकारी देने के लिए पंचायती राज संस्थानों को शामिल किया गया है और प्रत्येक पंचायत की ग्राम सभा में चर्चा की जाती है। काॅमन सर्विस सेंटर/लोेक मित्र केन्द्रों के माध्यम से पंजीकरण कैम्प लगाए गए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि पंजीकरण की प्रक्रिया के दौरान जनता को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो। आशा के माध्यम से भी लोेगों का इस योजना के बारे में पूर्ण जानकारी प्रदान की जा रही है।

 

हिमाचल में आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत ईलाज प्राप्त करने वाली पहली लाभार्थी प्रदेश के दूर दराज क्षेत्र राजगढ़ की निवासी सुष्मा देवी बनीं, जिन्होंने 27 सितम्बर 2018 से 3 अक्तूबर 2018 तक सिविल अस्पताल राजगढ़, जिला सिरमौर में सफल उपचार करवाया। यह योजना दिन-प्रतिदिन नए आयाम प्राप्त कर रही है और प्रदेश के 71 हजार से अधिक लाभार्थी इस योजना के अन्तर्गत निःशुल्क उपचार का लाभ प्राप्त कर चुके हैं।

 

स्वास्थ्य मन्त्री ने यह भी बताया कि आयुष्मान भारत-प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना के अन्तर्गत गोल्डन कार्ड जारी करना निरन्तर प्रक्रिया है और पात्र परिवार नजदीकी लोक मित्र केन्द्र में आधार कार्ड और राशन कार्ड ले जाकर गोल्डन कार्ड बनवा सकते हैं। उन्होने लाभार्थी परिवारों से आग्रह किया है कि तुरन्त गोल्डन कार्ड बनवा लें ताकि आवश्यकता पड़ने पर पांच लाख रुपये तक निःशुल्क चिकित्सा का लाभ लिया जा सके। लाभार्थी अपनी पात्रता जानने के लिए टोल फ्री नम्बर 14555 पर सम्पर्क कर सकते हैं या भारत सरकार की वैबसाइट उमतंण्चउरंलण्हवअण्पद पर लाॅग इन कर सकते हैं।

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