माँ की महिमा माँ की महिमा है अपरंपार माँ करती है सबकी बेड़ा पार माँ देती है सबको आशिर्वाद माँ देती है सबको सौगत आओ माँ की गुणगान करें थाली आरती की सजा कर माँ की पूजा करें माँ देती ही है लेती नहीं माँ सहती है भक्तों के कष्ट माँ जगत जननी को नमन माँ शक्ति दुर्गा काली को नमन नव दुर्गा खड्ग त्रिशूल धारी को नमन तेरे कृपा से माँ खिला है सारा चमन तू ही तो जग की तारणहार है माँ तू ही तो अविनाशी कल्याणी है माँ राम भगत तेरी सदा ही गुणगान करे तेरे आगे हर वक्त शीश झुकाये बनाये रखना सदा आशीष माँ सभी भक्त जन तेरे ही गुणगान करे माँ की महिमा है अपरंपार !
राम भगत नेगी किन्नौर हिमाचल प्रदेश