चौपाल,
कोरोना काल के दौरान हिमाचल के शिमला से करीब 88 किमी दूर चौपाल के मड़ावग में सेब का पहला स्मार्ट बगीचा तैयार किया गया है। उच्च न्यायालय शिमला में वकालत कर रहे युवा बागवान तेजस्वी डोगरा ने सेंसर और माइक्रोचिप का प्रयोग कर मोबाइल से नियंत्रित होने वाला बगीचा तैयार किया है। तेजस्वी का दावा है कि पूरी तरह मोबाइल की मदद से प्रबंधन और नियंत्रण वाला यह पहला बगीचा है। शिमला में रहते हुए वह अपने बगीचे का पूरा रखरखाव मोबाइल की मदद से कर सकते हैं। स्मार्ट बगीचे की यह तकनीक उन बागवानों के लिए बेहद लाभप्रद है जो नौकरी या अन्य वजहों से बगीचे से दूर शहरों में रहते हैं। तेजस्वी डोगरा ने अपने उच्च घनत्व वाले बगीचे ‘समृति बाग’ में इटली से आयातित रेड वोलेक्स और डार्क बैरन गाला क्वालिटी के 250 पौधे एम9 रूट स्टॉक पर लगाए हैं। बगीचे में लगा ड्रिप इरिगेशन सिस्टम मोबाइल से ऑन-ऑफ होता है। कीटनाशकों के छिड़काव और तापमान को नियंत्रित करने के लिए स्मार्ट ओवरहेड शावर लगाए गए हैं। इन्हें भी मोबाइल के जरिए कमांड देकर संचालित किया जा सकता है। इसके अलावा बगीचे को लाइव देखने के लिए 360 डिग्री पर घूमने वाले कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों को मोबाइल से जोड़ा गया है ताकि बगीचे को लाइव मोबाइल पर देखा जा सके। बगीचे के मुख्य गेट को भी मोबाइल से जोड़ा गया है। मोबाइल के जरिए ही गेट को लॉक और अनलॉक करने की सुविधा है। बचपन के शौक से मिली कामयाबी : तेजस्वी
तेजस्वी डोगरा की प्रारंभिक शिक्षा शिमला के सेंट एडवर्ड स्कूल से हुई है। स्नातक और वकालत की डिग्री पंजाब यूनिवर्सिटी से की है। तेजस्वी का कहना है कि बचपन से ही उन्हें इलेक्ट्रॉनिक्स का शौक था। लॉकडाउन के दौरान घर पर रहना पड़ा तो बगीचे को स्मार्ट बनाने का आइडिया आया। कोडिंग और प्रोग्रामिंग की मदद से बगीचे को स्मार्ट बनाने में कामयाबी मिली।