अनु कुमार के परिवार के इलाज में खर्च हुआ करीब साढ़े तीन लाख, सरकार ने मुफ्त किया इलाज
आनी,
बीमारी छोटी हो या गंभीर इलाज करवाने में अक्षम और गरीब लोगों पर भारी पड़ती है। एक ओर परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ता है तो दूसरी ओर लोगों की थोड़ी बहुत जमा पूंजी भी इलाज में खर्च हो जाती है। ऐसे परिवारों को इलाज के खर्च से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आयुषमान योजना (प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना) का सपना देखा और उसे धरातल पर उतारा। योजना जन जन तक पहुंचकर गरीबों, अक्षम लोगों और योजना के तहत पात्र लोगों का इलाज मुफ्त में कर रही है।
इस योजना के तहत ऐसा ही लाभार्थी हैं आनी के खोबड़ा निवासी अनु कुमार का परिवार। अनु कुमार के परिवार ने एक या दो नहीं बल्कि तीन लोगों की बीमारी को एक साथ झेला। अनु कुमार के पिता बुधराम, माता फूलमा देवी और बेटा रोहन...तीनों को बीते करीब छह माह के दौरान इलाज की जरूरत पड़ी। दुर्भाग्यवश केंसर के रोगी अनु के पिता बुधराम जिंदगी से हार गए। उनके इलाज पर करीब 2 लाख रुपए खर्च हुआ। इसी तरह माता फूलमा देवी भी केंसर से जूझ रही हैं, उनके इलाज पर करीब 1 लाख रुपए खर्च हुआ। बेटे की दुर्घटना के कारण पैर की दो अंगुलियां गवानी पड़ी और इलाज के लिए करीब 50 हजार रुपए खर्च हुआ।
आयुषमान योजना से हुआ परिवार का मुफ्त इलाज
अनु कुमार के परिवार को एक के बाद एक सामने आई इस मुसीबत को पार पाना चुनौतीपूर्ण था। परिवार के एक साथ तीन लोग बीमार होने के कारण पूरा परिवार चिंता में था। इस बीच परिवार के लिए जो सबसे बड़ा सहारा बनी वो थी आयुषमान योजना। इस योजना के तहत परिवार के तीनों बीमार लोगों का इलाज मुफ्त हुआ और इस पर आया पूरा खर्च (करीब साढ़े तीन लाख) सरकार ने वहन किया।
प्रधानमंत्री का जताया आभार, मुख्यमंत्री को कहा धन्यवाद
अनु कुमार का कहना है कि केंसर की बीमारी को कारण पिता जी को नहीं बचाया जा सका लेकिन माता-पिता और बेटे के इलाज पर जो खर्च सरकार ने उठाया, उसके लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हमेशा आभारी रहेंगे। उनका कहना है कि इस योजना से हुए इलाज के कारण आज उनकी माता और बेटे को नई जिंदगी मिली है। इस योजना को जन जन तक पहुंचाने के लिए अनु कुमार ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का भी धन्यवाद किया। अनु कुमार का कहना है कि इस तरह की कल्याणकारी योजना को मुख्यमंत्री सभी पात्र लोगों तक पहुंचाएं ताकि गरीब लोगों का इलाज मुफ्त में हो सके।