शिमला,
मानव भारती विश्वविद्यालय में एसआईटी टीम की जांच द्वारा 45 हजार फर्जी डिग्रियां बेचने का फर्जीवाड़ा हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था पर बहुत बड़ा कलंक है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने बयान जारी करते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद शुरू से ही प्रदेश में भारी संख्या में निजी विशवविद्यालयों का खुलना और शिक्षा के व्यापारीकरण का विरोध करती आई है। विद्यार्थी परिषद ने कई वर्ष पहले ही यह आशंका जताई थी की प्रदेश में शिक्षा का निजीकरण और व्यापारी करण आने वाले समय में शिक्षा को बेचने का कार्य भी कर सकता है इसलिए इन पर नजर रखना बहुत आवश्यक है। और आज हम देखते हैं कि नियामक आयोग का सुस्त रवैया और सरकारों द्वारा धड़ाधड़ निजी विश्ववद्यालयों को खोलने के परिणामस्वरूप विद्यार्थी परिषद की यह आशंका आज सच साबित हो रही है। जिस तरह का फरजीवाड़ा मानव भारती विश्वविद्यालय में सामने आया है ऐसे ही कई और फर्जीवाड़े अन्य विश्वविद्यालय में भी चल रहे हैं। चाहे वो निजी विश्ववद्यालयों द्वारा गलत तरीके से स्टडी कोर्स करवाना हो, बिना मान्यता के डिस्टेंस कोर्स करवाना, एक ही समय पर अपने विश्वविद्यालय के स्टाफ को नौकरी व डिग्री करवाना ऐसे कई प्रकार के घोटाले हिमाचल प्रदेश के कई निजी विशवविद्यालयों में चल रहे हैं। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को कलंकित करने वाले ऐसे विश्वविद्यालयों को तुरंत प्रभाव से बन्द किया जाए तथा ऐसे मामलो मे संलिप्त दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाए। विद्यार्थी परिषद प्रदेश की सरकार से यह मांग करती है कि इस विषय को गम्भीरता से लेते हुए इसकी जांच में तेजी लाई जाए व प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए सार्थक प्रयास किए जाएं।