तेरे चाहत के दीवाने हैं लोग सब सारे,
मर जाते है सब यहाँ प्यास के मारे।
धरती और आसमान का मीलन होती है तेरे ही सहारे,
वागों का फुल मुस्कराती है खुशबू के बहाने।
तेरे पानी का बूंद बरसता है बादलों के सहारे,
तभी तो ये सजते हैं सावन सुहाने।
झुमता है आसमान गिरता है फुलों पर फुहारे ,
नदी, पर्वत, झील के नजारे लगते हैं कितने प्यारे।
तेरे चाहत के दीवाने हैं लोग सब सारे,
मर जाते है सब यहाँ प्यास के मारे।