Friday, April 19, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
सुक्खू सरकार में सिर्फ मित्रों के मजे , विकास और जनता को ठेंगा : राणा जोल सप्पड़ और अमलेहड़ में दो शादी समारोह में चले लात घूंसे , तीन घायल , शादी का मजा किरकिरा हमीरपुर लोकसभा सीट के लिए उम्मीदवार का कांग्रेस में मंथन जारी, फैसला 20 अप्रैल तक एसडीएम अर्की यादविन्द्र पाल की अध्यक्षता में स्वीप टीम अर्की ने लगाया मतदाता जागरूकता शिविरसुदृढ़ लोकतंत्र निर्माण के लिए मतदान आवश्यक अतिरिक्त उपायुक्त ने की ज़िला स्तरीय माता मनसा देवी मेले के समापन समारोह की अध्यक्षतालोकसभा का चुनाव राष्ट्रवादी शक्तियों और परिवारवादी शक्तियों के बीच : बिंदललोकसभा चुनाव को लेकर मतदान कर्मियों की पहली रेंडमाइजेशन का आयोजन
-
कविता

मैं अकेला रह गया

-
रवींद्र कुमार शर्मा | February 02, 2021 04:02 PM

 

घुमारवीं,

मेरा जीवन साथी छोड़ गया
मुझसे अब मुंह मोड़ गया
अब न होगी कभी मुलाकातें
यादों में गुजरेगी अब सारी रातें
दिन तो किसी तरह बीत जाएगा
घर मुझे अब काटने को आएगा
कैसे भूल पाऊंगा वो महक
जो तेरे आने से घर में छाई थी
तेरे आने से घर में आई थी बहारें
ज़िन्दगी में खुशियां आई थी
जिंदगी के ऐसे मोड़ पर क्या यूँ
कोई अकेला छोड़ कर जाता है
हर जगह तलाशती हैं नज़रें तुझे
अब दिल मेरा बहुत घबराता है
जानता हूँ मैं कि तुम अब नहीं हो
फिर भी यह दिल कहता है
तुम दूर नहीं हो मुझसे
तुम यहीं हो यहीं कहीं हो
हर पल तुम्हारा ख्याल रहता है
कहाँ ढूंढूं कहाँ जाऊं मैं
कहाँ तुम्हें आवाज लगाऊं मैं
तन्हाइयों में अक्सर रोता हूँ
भूलना चाहता हूँ पर भूल न पाऊं मैं
तुझसे मुलाकात अब नहीं होगी
कोई बात तुझसे अब नहीं होगी
कैसे गुजरेगी यह ज़िन्दगी तुम बिन
खुशियों की अब बरसात नहीं होगी
लोगों का हुजूम उमड़ा
सांत्वना दी बहुत कुछ कह गया
इस भरी दुनियां में
अब मैं अकेला रह गया
-
-
Have something to say? Post your comment
-
और कविता खबरें
आओ हम स्कूल चले, नव भारत का निर्माण करें। एसजेवीएन लिमिटेड द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्‍मेलन का आयोजन राष्ट्रीय हिंदी सेवा सम्मान 2023 से सम्मानित हुए युवा कवि राजीव डोगरा https://youtube.com/watch?v=CwwB-3QWd7c&si=sDQTJwQAxAjzhthR हिंदी की यही अभिलाषा हिंदी बने राष्ट्रभाषा; लोकेश चौधरी क्रांति आन मिलो मुरारी: सबके चित में तुम बसे , जैसे मुरली ताल शान ए कांगडा़ सम्मान से सम्मानित हुए युवा कवि राजीव डोगरा आज मैं आजादी की गाथा सुनाती हूं ,कैसे मिली आजादी यह सबको बताती हूंं ; लोकेश चौधरी ' क्रांति नैनों में तस्वीर तुम्हारी ,दिल में यादों का संसार ;अंजना सिन्हा "सखी पुकार रही है उसकी सजनी, अबकी मिल जाए मेले; अंजना सिन्हा "सखी " जय हिंद के प्रहरी ; पूनम त्रिपाठी "रानी"
-
-
Total Visitor : 1,64,51,378
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy