जी भर के जी ले आज
इन्हे महसूस कर लें।
बारिश की बूंदों में,
खुशियों का जहां ढूंढ लें।
कजरी गाने का वक्त आ गया ,
चलो बाग सखियों से मिल लें।
तृप्त हो रही धरा को देखकर
चलो हम भी झूम लें।
निर्मल बूंदों से आह्लादित नमी
कुछ हम भी सोख लें।
चलो आज अपने तमस को पावन जल में बहा दें।