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कविता

बारिश की बूंदों में खुशियां :सीमा सिन्हा मैत्री

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सीमा सिन्हा मैत्री | June 16, 2021 09:31 AM

जी भर के जी ले आज
इन्हे महसूस कर लें।

बारिश की बूंदों में,
खुशियों का जहां ढूंढ लें।

कजरी गाने का वक्त आ गया ,
चलो बाग सखियों से मिल लें।

तृप्त हो रही धरा को देखकर
चलो हम भी झूम लें।

निर्मल बूंदों से आह्लादित नमी
कुछ हम भी सोख लें।

चलो आज अपने तमस को पावन जल में बहा दें।

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