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कविता

हाँ सच में हमने, बहुत तरक्की कर ली : डॉ. मधु मिश्रा

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डॉ. मधु मिश्रा | June 24, 2021 10:18 PM

हाँ सच में हमने,
बहुत तरक्की कर ली।
खुद की तरक्की की चाह में,
न जाने कितने प्राणियों की खुशियाँ छीन ली।।

स्वार्थ के मद में,
हम अंधे हो गए हैं,
प्रकृति का विनाश कर,
हम भौतिकता में जी रहे हैं।

 

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