आनी,
यहां प्राचीन एवं ऐतिहासिक ऋषि पंचमी मेला देव आगमन के साथ शुरू हो गया। मेले में इस वर्ष तीन देवी-देवता शरीक हुऐ हैं।इनमें मेजबान जगेश्वर महादेव, खोलू देवता तथा कुईकंडा नाग देवता शामिल हैं। देवालय से मेला स्थल "सौह" तक लोगों ने देवताओं को नाचते गाते हुऐ पंहुचाया। मेला स्थल पर देवताओं का मिलन देखने लायक था, जिसके साक्षी हजारों लोग बने। मंगलवार से शुरू हुऐ मेले में पहले दिन पंहुचे लोगों को यहां की लोक संस्कृति के बारे में जानकारी मिली। मेले में दिन भर नाटियों का दौर चलता रहा। शाम को देवता ने मेला स्थल से शिव मंदिर में प्रवेश किया जहां पर बुजुर्ग लोग ढैकली- बैंशली से पारंपरिक गीतों पर तमाशा किया जिस पर देवताओं को नचाया गया ये एक प्राचीन परम्परा है।मेला कमेटी के प्रधान सोहनी राम राठी का कहना है कि मेले का आयोजन कई दशकों से किया जा रहा है। दो दिन तक चलने वाले मेले में हजारों लोग अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेला हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।