Friday, March 29, 2024
Follow us on
-
हेल्थ और लाइफस्टाइल

स्क्रब टाइफस का उपचार सभी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध: सीएमओ

-
ब्यूरो हिमालयन अपडेट | October 20, 2021 03:31 PM
ऊना, 
बरसात के दिनों में स्क्रब टाइफस अक्सर अपने पांव पसारता है। स्क्रब टाइफस एक जीवाणु जनित संक्रमण है जो अनेक लोगों की मृत्यु का कारण बनता है और इसके लक्षण चिकनगुनिया जैसे ही होते हैं। यह जानकारी देते हुए सीएमओ रमण कुमार शर्मा ने बताया कि स्क्रब टाइफस बीमारी की शुरुआत सिरदर्द और ठंड के साथ बुखार से हो सकती है। रोग बिगड़ने पर मरीज को बुखार तेज हो जाता है और असहनीय सिरदर्द भी होने लगता है। यह रोग हल्के-फुल्के लक्षणों से लेकर अंगों की विफलता तक का भी कारण बन सकता है। कुछ मरीजों में पेट से शुरू हुई खुजली या चकत्ता अन्य अंगों तक फैलने लगता है। कई बार तो यह चेहरे पर भी हो जाता है। इस बीमारी में शरीर में ऐंठन व अकड़न जैसे लक्षण भी देखने को मिलते हैं। अधिक संक्रमण होने पर गर्दन, बाजूओं के नीचे व कूल्हों के ऊपर गिल्टियां हो जाती हैं।
स्क्रब टायफस के लक्षणों की जांच करते समय मलेरिया, डेंगू, लेप्टोस्पायरोसिस आदि रोगों से भी तुलना की जाती है। यह बीमारी 6 से 21 दिनों तक सुप्तावस्था में रहती है, फिर दो से तीन सप्ताह तक रहती है। शुरुआत में बुखार, सिरदर्द और खांसी संबंधी लक्षण होते हैं। हल्के संक्रमण वाले मरीज बिना किसी अन्य लक्षण के ठीक हो सकते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर रमण कुमार शर्मा ने कहा कि इस बुखार को जोड़-तोड़ बुखार भी कहा जाता है। यह संक्रामक रोग नहीं है यानी एक आदमी से दूसरे को नहीं होता है और इसका इलाज भी बहुत आसान है। आजकल लगातार बुखार आने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं और बुखार को हलके में न लें। बुखार चाहे कैसा भी हो नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में संपर्क करें। उन्होंने कहा कि इसका इलाज सभी सरकारी संस्थानों में निशुल्क उपलब्ध है।
रोग फैलने के कारण
  स्क्रब टायफस का बुखार खतरनाक जीवाणु जिसे रिकटेशिया (संक्रमित माइट, पिस्सू) के काटने से फैलता है। यह जीवाणु लंबी घास व झाड़ियों में रहने वाले चूहों के शरीर पर रहने वाले पिस्सुओं में पनपता है और इन पिस्सुओं के काटने से यह बीमारी होती है। इस बीमारी के होने का खतरा उन लोगों को अधिक होता है, जो बरसात के दिनों में खेती-बाड़ी या कृषि संबंधी कार्य करने के लिए खेतों में जाते हैं।
रोग से बचाव
स्क्रब टाइफस बीमारी से बचाव के लिए पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर खेतों में जाएं, क्योंकि स्क्रब टाइफस फैलाने वाला पिस्सू शरीर के खूले भागों को ही काटता है। घरों के आस-पास खरपतवार इत्यादि न उगने दें व शरीर की सफाई का विशेष ध्यान रखें। खुली त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए माइट रिपेलेंट क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
--0--
-
-
Have something to say? Post your comment
-
और हेल्थ और लाइफस्टाइल खबरें
रिज मैदान पर एक दिवसीय रक्तदान शिविर का आयोजन टौणी देवी में डायरिया : शिवरात्रि, व्रत, भंडारे या फिर जल शक्ति विभाग का दूषित पेयजल , जांच टीम ने जुटाए फैक्ट्स 12 पंचायतों के 27 गांवों के सैंकड़ों लोग उल्टी दस्त रोग से ग्रसित आनी में  80 बूथ पर 3030 बच्चों को पिलाई जायेगी पोलियो की खुराक आयुष हैल्थ एंड वैलनेस सेंटर कराणा ने  जाबो में 96 ग्रामीणों का किया हेल्थ चेक अप टौणी देवी में विद्युत विभाग ने कचरा लगाया ठिकाने नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन ने रक्तदान शिविर में तोड़ा अपना ही पुराना रिकार्ड नाथपा झाकड़ी हाइड्रो पावर स्टेशन में रक्तदान शिविर 6 फरवरी को ।  92  पंचायतों   ने की  टीबी मुक्त पंचायत की दावेदारी- सीएमओ कराणा के बटाला गांव में आयुर्वेदिक स्वास्थ्य शिविर में जांचा 92 ग्रामीणों का स्वास्थ्य,बांटी दवाइयां
-
-
Total Visitor : 1,63,86,255
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy