**मुखौटा**
भुला देते हैं लोग अक्सर उन्हें
जो उन्हें सहारा दिया करते हैं
दिखाकर तस्वीर बार बार अपनी
खुद को नजरों में गिरा देते हैं..।
ये किसी एक शख्स की कहानी नहीं
बल्कि हर एक का फसाना हैं
ये चतुर जमाना जनाब
यहां बिना मतलब अपना भी बेगाना है
अक्सर देखा है मैंने
लोग मुंह पर दीवाने
और दिल में जहर लिए फिरते हैं..।
हद तो तब हो गई
जब मैंने अजीब मंज़र देखा
पैसों के लिए यहां शख्स
अपनों को मार रहा तमाचा..।
------प्रीति शर्मा , स्वरचित रचना
लद्दा , बिलासपुर ,हिमाचल प्रदेश