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कविता

हंसते खिलखिलाते पहुंचे स्कूल हम ; ऐश्वर्या संपन्ना

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ब्यूरो हिमालयन अपडेट 7018631199 | February 25, 2022 09:00 AM
ऐश्वर्या संपन्ना

दौड़ते भागते स्कूल चलें हम
हंसते खिलखिलाते पहुंचे स्कूल हम

कितना पावन कितना मनभावन है बचपन हमारा
ना बीते पल की फ़िक्र ना आने ‌वाले कल की चिंता

बगिया के रंग बिरंगे फूल हैं हम
चलो सब मिल गुलदस्ता बनायें हम

देख हमें महक उठी बगिया भी
खिल उठी पतझड़ में ‌फूलवारी भी

कोई शरारत ना हमसे छूटे
कोई मस्ती ना हमसे रुठे

यहां के सिकंदर हैं हम
लिखे अपना मुकद्दर भी हम

भागते दौड़ते कब बचपन है गुज़र जाता
ये कोई न‌ समझ पाता

जी लो बचपन‌ जी भर के अपना
फिर तो ये हो जाएगा सपना‌।।



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