लोग क्या कहेंगे ? वो लोग ,
जो लटके होते हैं रूढ़िवादी प्रथाओं से,
जो घेरे रहते हैं हमें चारों तरफ़ से ,
जिन्हें चिंता होती है हमारी ,
हमारे सपने, हमारे काम और हमारे प्रेम की।
वो लोग तुम्हें नहीं जाने देंगे ,
आगे, पीछे, दाएं, बाएं कहीं नहीं ।
पर तुम्हें उड़ जाना है ,
उनके सर के ऊपर से ।
उनकी छोटी सोच के नीचे से ,
चुपचाप निकल जाना है ।
लोग तो कहेंगे , कहते रहेंगे ।