करवा चौथ सुहागिन महिलाओं का प्रमुख व्रत है। मान्यता है कि जो भी महिला पूरे विधि-विधान से करवा चौथ का व्रत करते हुए कथा पढ़ती या सुनती है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
खास बातें:-
करवा चौथ का व्रत 27 अक्टूबर को है
इस दिन महिलाएं दिन भर निर्जला व्रत रखती हैं
मान्यता है कि इस व्रत के प्रभाव से पति की उम्र लंबी होती है
करवा चौथ की तिथि और शुभ मुहूर्त।
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 27 अक्टूबर की शाम 06 बजकर 37 मिनट
चतुर्थी तिथि समाप्त: 28 अक्टूबर की शाम 04 बजकर 54 मिनट
पूजा का शुभ मुहूर्त: 27 अक्टूबर की शाम 05 बजकर 48 मिनट से शाम 07 बजकर 04 मिनट तक.
कुल अवधि: 1 घंटे 16 मिनट.
करवा चौथ की पूजन सामग्री
करवा चौथ के व्रत से एक-दो दिन पहले ही सारी पूजन सामग्री को इकट्ठा करके घर के मंदिर में रख दें. पूजन सामग्री इस प्रकार है- मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे.
करवा चौथ की पूजा विधि:- करवा चौथ वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान कर लें. - अब इस मंत्र का उच्चारण करते हुए व्रत का संकल्प लें- ''मम सुखसौभाग्य पुत्रपौत्रादि सुस्थिर श्री प्राप्तये करक चतुर्थी व्रतमहं करिष्ये''. - सूर्यादय से पहले सरगी ग्रहण करें और फिर दिन भर निर्जला व्रत रखें. - दीवार पर गेरू से फलक बनाएं और भिगे हुए चावलों को पीसकर घोल तैयार कर लें. इस घोल से फलक पर करवा का चित्र बनाएं. वैसे बाजार में आजकर रेडीमेड फोटो भी मिल जाती हैं. इन्हें वर कहा जाता है. चित्रित करने की कला को करवा धरना का जाता है.- आठ पूरियों की अठावरी बनाएं. मीठे में हल्वा या खीर बनाएं और पकवान भी तैयार करें.- अब पीली मिट्टी और गोबर की मदद से माता पार्वती की प्रतिमा बनाएं. अब इस प्रतिमा को लकड़ी के आसान पर बिठाकर मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी और बिछुआ अर्पित करें. - जल से भर हुआ लोट रखें. - करवा में गेहूं और ढक्कन में शक्कर का बूरा भर दें. - रोली से करवा पर स्वास्तिक बनाएं. - अब गौरी-गणेश और चित्रित करवा की पूजा करें. - पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करते हुए इस मंत्र का उच्चारण करें- ''ऊॅ नम: शिवायै शर्वाण्यै सौभाग्यं संतति शुभाम। प्रयच्छ भक्तियुक्तानां नारीणां हरवल्लभे॥''- करवा पर 13 बिंदी रखें और गेहूं या चावल के 13 दाने हाथ में लेकर करवा चौथ की कथा कहें या सुनें.- कथा सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर अपने सभी बड़ों का आशीर्वाद लें और करवा उन्हें दे दें.- पानी का लोटा और 13 दाने गेहूं के अलग रख लें.- चंद्रमा के निकलने के बाद छलनी की ओट से पति को देखें और चन्द्रमा को अर्घ्य दें- चंद्रमा को अर्घ्य देते वक्त पति की लंबी उम्र और जिंदगी भर आपका साथ बना रहे इसकी कामना करें.- अब पति को प्रणाम कर उनसे आशीर्वाद लें और उनके हाथ से जल पीएं. अब पति के साथ बैठकर भोजन करें।