आनी,
दीपावली का पर्व जहां समूचे भारतवर्ष में बड़े हर्षोल्लास व धूमधाम से मनाया गया, वहीं कुल्लू जिला के आनी उपमंडल के ओलवा गांव में यह पर्व मंगलवार व बुधवार को अमावस्या के शुभ मुहूर्त पर स्थानीय ग्रामीणों द्वारा प्राचीन परंपरा अनुसार मनाया गया। स्थानीय आराध्य देवता कुलक्षेत्र महादेव के सानिध्य में मनाए जाने वाले दिवाली पर्व में आज भी प्राचीन संस्कृति की झलक देखने को मिली।देवता कुलक्षेत्र महादेव के कारदार कमलेश शर्मा.संस्कृति संरक्षक डॉ. मुकेश शर्मा. मोहर लाल शर्मा.लगन दास शर्मा. पूर्व सैनिक धर्म पाल शर्मा. बढ़ारी बहादुर चन्द शर्मा.मदन शर्मा. किशोरी लाल शर्मा. राजेश शर्मा.वन्ति शर्मा.योगेश शर्मा.जय प्रकाश.बिपिन शर्मा. नगीन शर्मा. झुमकेश शर्मा तथा मन्दिर कमेटी के बिवेक शर्मा ने बताया कि मंगलवार को दीपावली की संध्या को मंदिर के गर्भगृह में बिधिवत पूजा अर्चना के बाद कुंडा दैरची की रस्म निभाई गई.जिसमें मंदिर गर्भगृह से जलती मशाल को वाहर प्रांगण में लाया गया.जहां भड़राणा जलाया गया। इस मौके पर स्थानीय ब्राह्मणों द्वारा काव गीत गाकर भगवान श्रीराम .माता सीता की महिमा व राजा बलि का गुणगान किया गया। उसके बाद तलूणा दशोग से गढ़िए आए और ठमरु की परम्परा का निर्वहन करते हुए भड़राणे के गिर्द नाटी नृत्य किया। बुधवार सुबह स्थानीय ग्रामीण महिलाओं द्वारा अपनी पारम्परिक वेषभूषा में परम्परा अनुसार भड़राणे की बिधिवत पूजा अर्चना की गई और गोवर्धन व भगवान सूर्य की पूजा की गई।प्रातः देवता कुलक्षेत्र महादेव भी अपने दिव्य रथ में लोगों के दर्शनों के लिए वाहर निकले।इसी बीच चुढी व बांड की रस्में भी निभाई गई। इस प्रकार स्थानीय ग्रामीणों ने दिवाली की प्राचीन परंपरा का खूब निर्वहन किया।