नेरवा,
किसी भी दुर्घटना के होने के बाद नेरवा अस्पताल का विवादों में आना कोई नई बात नहीं है ! ऐसे समय में नेरवा अस्पताल का चोली दामन का साथ रहा है ! यही बात मंगलवार को नेरवा देइया मार्ग पर मंगलवार को हुए कार हादसे के बाद भी सामने आई ! हादसे के घायलों को जब नेरवा अस्पताल लाया गया तो अस्पताल में एक भी एमबीबीएस डॉक्टर मौजूद नहीं था ! नेरवा अस्पताल में इस समय कोई भी वरिष्ठ चिकित्सक तैनात नहीं हैं,वर्तमान में यहां तीन चिकित्सक तैनात हैं व यह तीनों ही जूनियर हैं ! अस्पताल यह तीनों जूनियर चिकित्सक एमडी की परीक्षाएं देने के लिए बाहर गए हुए थे ! चिकित्स्कों की गैरहाजिरी में अस्पताल में तैनात दन्त चिकित्सक ने एक आयर्वेदिक चिकित्सक व दो स्टाफ नर्सों के साथ मिल कर घायलों को प्राथमिक उपचार दिया ! जिस वजह से स्थानीय लोग भड़क उठे है,लोगों में स्वास्थ्य विभाग के इस लापरवाही भरे रवैये के प्रति गुस्सा है ! लोगो का आरोप है कि नेरवा अस्पताल में तैनात चिकित्सक जब परीक्षाएं देने गए थे तो अस्पताल में एमबीबीएस चिकित्सक की वैक्लपिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई ! इसके आलावा हादसों के समय अस्पताल में स्टाफ की कमी भी सामने आती रहती है ! नेरवा व चौपाल दोनों अस्पतालों में स्टाफ नर्सों के छह छह पद है,परन्तु वर्तमान समय में नेरवा में दो और चौपाल में एक स्टाफ नर्स तैनात है ! नेरवा से एक स्टाफ नर्स को जरूरत पड़ने पर चौपाल डेपुटेशन पर भेज दिया जाता है ! मंगल वार को हादसे के बाद एमबीबीएस चिकित्सक की सेवायें न मिलने से क्षेत्रवासी भड़के हुए हैं व स्वास्थ्य मंत्री से मांग की है कि इस बात की जांच की जाए कि चिकित्स्कों के छुट्टी जाने पर यहां पर एमबीबीएस चिकित्सक की वैकल्पिक व्यवस्था क्यों नहीं की गई !