लुधियाना..;(अजय अरोड़ा )कांगड़ा के रहने वाले छह साल के एक लड़के ने लुधियाना के क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी रूम में अचानक सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के साथ आया और उनके शरीर की में बाहरी चीज़ होने का शक था। छाती-एक्स-रे करके इसकी पुष्टि की गई, जिसमें रोगी के श्वसन पथ में एक पेंच दिखाई दिया। रोगी को तुरंत ऑपरेशन थिएटर में शिफ्ट कर दिया गया और डॉ. विशाल भट्टी और डॉ. एलेन और सीनियर एनेस्थेटिस्ट डॉ. आरती राजकुमार सहित डॉ. विलियम भट्टी के नेतृत्व में बाल चिकित्सा सर्जरी टीम द्वारा बिना किसी चीरे के सांस लेने वाले पाइप से स्क्रू को सफलतापूर्वक निकाल दिया गया। इसके बाद रोगी को 48 घंटे के बाद संतोषजनक स्थिति में छुट्टी दे दी गई।
शरीर के अन्दर बहारी वास्तु की आकांक्षा अचानक सांस लेने में तकलीफ का कारण बन सकती है और जीवन के लिए खतरा होती है। इसके लिए तत्काल सर्जिकल हस्तक्षेप की आवश्यकता होती है। बाल चिकित्सा विभाग प्रति वर्ष लगभग 40-50 ब्रोंकोस्कोपी करता है। आमतौर पर निकाले गए बाहरी वस्तुओ में मूंगफली, बादाम, मोती, सिक्के, छोटे खिलौने और मैग्नेट पाए गए हैं। माता-पिता को सावधान रहना चाहिए कि छह साल की उम्र तक बच्चों को छोटे ढीले लेख और सूखे फल न दें। यह भविष्य में ऐसी खतरनाक स्थितियों को होने से रोकने में मदद करेगा।