एक की आनी अस्पताल में आकस्मिक मौत
स्थिति नियंत्रित
आईपीएच विभाग का कहना, पेयजल से नहीं कोई दिक्कत
आनी,
मंगलवार को आनी खण्ड की विश्लाधर पंचायत के डिगेढ़ व विशल सहित विभिन्न गॉव में डायरिया फैलने से लगभग डेढ़ दर्जन बच्चों के विमार पड़ने का मामला प्रकाश में आया था, जिस पर आनी प्रशासन की ओर से एसडीएम चेतसिंह ने तुरंत कार्रवाही अमल में लाते हुए,,स्वास्थ्य विभाग व आईपीएच विभाग की टीम को मौके पर जाने के निर्देश दिए।खण्ड चिकित्सा अधिकारी आनी डॉ, ज्ञान ठाकुर ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लेकर उसे नियंत्रण में लिया।उन्होंने कहा कि क्षेत्र में भिन्न भिन्न गॉंव में लगभग डेढ़ दर्जन बच्चे उल्टी दस्त की चपेट में आये हैं,जिनका स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा मौके पर ही उपचार किया जा रहा है, और स्कूलों में जाकर भी जांच की।जबकि दो तीन गम्भीर बच्चों को आनी अस्पताल में भर्ती कराया गया है,और उनका उपचार किया जा रहा है।बीएमओ ने बताया कि हालांकि स्थिति अब नियंत्रण में है, मगर अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि बच्चे किस कारण से बीमार हुए हैं। उन्होंने कहा कि सोमवार को आनी अस्पताल में दाखिल एक छात्रा की आकस्मिक मौत हुई है,जबकि उपचार के बाद उसकी स्थिति सामान्य हो गयी थी।उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग उल्टी दस्त के मामले को लेकर गम्भीर है।बीएमओ ने कहा कि बरसात के दिनों में जलजनित रोगों के फैलने का अधिक खतरा रहता है,ऐसे में लोग, स्वयं व अपने बच्चों के प्रति साबधानी बरतें और पीने के पानी का प्रयोग उबालकर करें।
वहीं इस बारे में स्थानीय लोगों की पेयजल की खराबी की शिकायत पर आईपीएच विभाग आनी की ओर से एसडीओ पीसी भारद्वाज व जेई सहित क्षेत्रीय टीम ने प्रभावित गाँव पहुँचकर, स्थिति का जायजा लिया , और पेयजल के भंडारण टैंकों तथा पेयजल के स्त्रोतों का भी निरीक्षण कर ,वहाँ के पानी की टेस्ट किट से जांच की,जिसमें पानी को पीने योग्य सही पाया गया है। वहीं आईपीएच मण्डल आनी के एक्सईएन आरके कौंडल ने कहा कि विभाग ,लोगों को शुद्ध पेयजल करवाने में प्रतिबद्ध है,ऐसे में विभाग द्वारा पेयजल स्त्रोतों व भंडारण टैंकों की नियमित साफ सफाई व उनकी क्लोरीनेशन की जाती है।उन्होंने कहा कि क्षेत्र में बर्षा के कारण जिन पेयजल लाइनों में गंदा पानी आ रहा है,उनकी सप्लाई को बंद कर दिया गया है।बाबजुद इसके लोग वर्षा के दिनों में पीने के पानी को लेकर स्वयं भी साबधानी बरतें और पानी को उबालकर पिएं।