Thursday, April 18, 2024
Follow us on
ब्रेकिंग न्यूज़
यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष अनीश दीवान ने भाजपा के पूर्व शिमला सांसद पर निशाना साधते हुए काहा, हिमाचल पर जल प्रलय आया उस वक़्त वो कहा थेउपायुक्त ने बीडीओ टूटू अनमोल को यूपीएससी परीक्षा पास करने पर दी बधाईबैलेट पेपर एवं पोस्टल बैलेट पेपर प्रिंट करने के संबंध में बैठक आयोजितआनी  में  अष्टमी पर बंटा घी  का हलवाडायरिया की रोकथाम के लिए उठाए जा रहे प्रभावी कदम-उपायुक्तउपायुक्त की अध्यक्षता में कैथलीघाट से शकराल तक निर्मित हो रहे फोरलेन के लिए फेस-1 की निर्माणाधीन टनल की ब्लास्टिंग एवं कंपन के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए मैसर्स सैमन इंफ्राकॉर्प के साथ बैठक आयोजितहमारी सरकार मजबूत, खुद संशय में कांग्रेस : बिंदलपात्र वरिष्ठ एवं दिव्यांग मतदाताओं को घर से मतदान की सुविधा प्रदान करने पर जागरूक किए बूथ स्तर अधिकारी
-
कहानी

पिता और व्यापारी ; हरदीप सबरवाल

-
ब्यूरो हिमालयन अपडेट 7018631199 | February 25, 2022 08:46 AM
हरदीप सबरवाल

 


कस्बा देहात के बाजार में जगत की पुश्तैनी परचून की दुकान है, पिता की मौत के बाद से लगभग 10 साल से वह इसे चला रहा है, मृदुभाषी होने के कारण उसके ग्राहकी अच्छी है और दुकान का काम भी अच्छा चल रहा है सबसे बड़ी बात यह है कि वह सुबह 6:00 बजे ही दुकान खोल लेता और रात के 10:30-11:00 बजे तक दुकान खुली रखता है, दूकान से कभी छुट्टी लेने के बारे में उसने कभी सोचा ही नहीं, घर तीन किलोमीटर दूर गांव में है, आसपास के लोगों से भी उसके संबंध अच्छे है,जीवन सुखी चल रहा है. एक दिन अचानक ही जगत शाम को 7:00 बजे दुकान बंद कर के चला गया, आसपास के दुकानदार सब अपनी-अपनी ग्राहकों में व्यस्त थे इसलिए उन्हें पता नहीं चला. अगली सुबह भी दुकान देर से खोली और शाम को 7:00 बजे के आसपास दुकान बंद करके जाने लगा तभी पड़ोसी दुकानदार पास आ गया और पूछा, "क्या बात है जल्दी जा रहे हो, घर में सब कुशल मंगल तो है, कल भी जल्दी चले गऐ थे?".


" हां भाई, वैसे तो सब कुशल मंगल है, पर क्या बताऊं आपको, बेटी ढाई साल की हो गई है जब सुबह दुकान पर आता हुं तब वो सोई रहती थी और जब रात को जब वापस जाता तब भी वह सोई मिलती, दो ढाई साल में उसने कभी देखा ही नहीं मुझे, परसों रात जब मैं घर गया तो वो जाग रही थी, मुझे देख दौड़ कर माँ की गोद चढ़ गई और बोली, "माई ये कौन है? अचानक धक्का सा लगा, क्या फायदा है ऐसे जीवन का, अब सुबह आठ बजे दुकान खोलुगां और रात को सात बजे तक घर वापसी, आखिर परिवार को भी तो थोड़ा वक्त दे दूं".


पड़ोसी दुकानदार को लगा कि एक पिता एक व्यापारी से जीत गया है.....

 

-
-
Have something to say? Post your comment
-
और कहानी खबरें
-
-
Total Visitor : 1,64,47,291
Copyright © 2017, Himalayan Update, All rights reserved. Terms & Conditions Privacy Policy