दस्तक इस ऋतु ने दिया, लेकर ये संदेश।
आने वाली हैं माँ दुर्गा, अब तो अपने देश।।
माँ के स्वागत के लिए, हो जाओ तैयार।
सच्चे मन आराधना, कर लो बारंबार।।
माँ के चरणों में करें, अर्पित श्रद्धा फूल।
मातु शरण जो आ गया, वर पाता अनुकूल।।
शक्तिरूप का अब करूँ, कितना मैं गुणगान,
आदिशक्ति,जगदम्बिके, मैया बड़ी महान।
माँगें हम वरदान क्या, हे माता जगदम्ब,
मिला हमें तुमसे सदा, जीवन में अवलंब।
अब तो चाहूँ बस यही, पाऊँ मैं आशीष,
तेरे दर पर ही सदा, झुका रहे ये शीश।
दुर्गे माँ जगदम्ब की, महिमा बड़ी अपार,
शरणागत की माँ सदा, करती बेड़ा पार।