शैलपुत्री
आयी मांँ स्वागत करो, छायी खुशी बहार।
कमल खिले तालाब में, धरती पर त्यौहार।।
प्रथम रूप में पूज्य मांँ,शैलपुत्री है नाम।
देवी जीवनदायिनी, सफल करें सब काम।।
वृषभ सवारी मात की, कर में लिए त्रिशूल ।
कृपा रहें बस आपकी, करें न कोई भूल।।
शैलपुत्री को पूजिए ,मिटता है सब रोग ।
खीर और घृत नित चढ़ें, मांँ को प्रिय यह भोग।।