कविता
वह ईश्वर से मांगता है अपने प्रेम को; दीपाली शर्मा
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ब्यूरो हिमालयन अपडेट 7018631199 | April 03, 2022 08:12 PM
दीपाली शर्मा
एक सच्चा प्रेमी ईश्वर से प्रार्थना करता है ,
उसे पाने के लिए ।
वह ईश्वर से मांगता है अपने प्रेम को ,
वह डरता है उसे खोने से ,
वह चाहत रखता है उसे पाने की ,
वह आशा करता है ईश्वर से ,
वह विश्वास रखता है ईश्वर पर ।
क्योंकि निश्छल प्रेम होने के बाद ईश्वर के ना होने पर संदेह नहीं रहता ।
इसीलिए अंत में वह समझ जाता है कि
प्रेम के भीतर ईश्वर हैं और ईश्वर के भीतर प्रेम ।
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