आनी,
श्रीखंड महादेव पर्वत श्रृंखलाओं की गोद में बसी जगदम्नि की तपोस्थली जाओं में देवी चैलासनी के प्रांगण में मंगलवार को गड़ाई पर्व दरबार का आयोजन हुआ। जिसमें देवी चैलासनी के स्वर्ग प्रवास से लौटने के बाद गाँव में फाल्गुन महीने की संक्रांत पर गड़ाई पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस आयोजन में पहले बाद्य यंत्रों के मुखिया अपने मुख से 18 राग और 18 रागनी वाद्ययंत्र की थाप सुनाते हैं । उसके बाद देव गुरु खेल में आकर सरसों के दानों को आशीर्वाद स्वरूप भक्तों को देते हैं। वहीं इससे पहले प्रातः शीघ्र देवता गिरशाई शाना ऋषि कोठी ब्रामगढ़ और लांकड़ वीर मंदिर ठारला में भी गड़ाई पर्व के दरबार मे देवता ने अपने गुरू के माध्यम से एक वर्ष की भविष्यवाणी की । जिसमें बताया गया कि क्षेत्र में इस बार आंधी तूफान,भारी बारिश और ओलावृष्टि के संकेत हैं और साल भर की फसल पिछले वर्ष की अपेक्षा थोड़ी कम होगी। वहीं देवी चैलासनी के गुर देवता मोहर सिंह ओर मंदिर कमेटी के सदस्य एल.आर ठाकुर ने बताया कि देवी देवता कुछ दिनों के लिए स्वर्ग प्रवास पर इंद्र की सभा में जाते हैं और इंद्र की सभा से लौटने के बाद अपने-अपने क्षेत्र में साल भर की भविष्यवाणी करते हैं, जोकि इस बार की भविष्यवाणी में क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि आंधी तूफान के संकेत है। मगर माता चैलासनी के आशीर्वाद से हर तरह की आपदा का निपटारा भी किया जाता है।क्षेत्र के लोगों में अपनी इष्ट देवी के प्रति अटूट आस्था व अगाध श्रधा है।