रामपुर बुशहर,
उपमंडल रामपुर की राजपुरा परियोजना में स्थाई रोजगार न मिलने से ग्रामीण भड़क गए हैं। वीरवार को प्रभावितों ने उपमंडलाधिकारी रामपुर को ज्ञापन सौंप सात दिनों में स्थाई रोजगार देने की मांग रखी है, यदि ऐसा नहीं हुआ तो परियोजना का निर्माण कार्य बंद कर दिया जाएगा। जिसकी जिम्मेवारी स्थानीय प्रशासन और परियोजना प्रबंधन की होगी।
जिन लोगों की परियोजना में जमीनें गई है वे परियोजना निर्माण से सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने उपमंडलाधिकारी रामपुर को सौंपे ज्ञापन में कहा कि प्रबंधन सरकार की नीतियों के हिसाब से प्रभावितों को रोजगार नहीं दे रहा है जबकि इसमें 13 परिवारों की जमीनें अधिग्रहण की गई। ऐेसे में परियोजना प्रबंधन ने इन परिवारों के सदस्यों को 40 सालों के लिए रोजगार देने का वादा किया था और आज प्रभावितों को स्थाई रोजगार देने में परियोजना प्रबंधन आनाकानी कर रहा है। परियोजना प्रभावितों में जवाहर लाल, शेर सिंह, ईश्वर सिंह, जिया लाल, प्यारे लाल, लायक राम, मोहन सिंह, देवेंद्र सिंह, कौशल्या देवी, नरोत्तम देवी, सुरेखा, जगदीश आदि ने कहा कि परियोजना का निर्माण कार्य अप्रैल 2015 से बंद था। जिसके बाद कुछ सप्ताह पूर्व ही दोबारा से काम शुरू हुआ है। उन्होंने कहा कि परियोजना प्रबंधन के साथ लेंड लूजर के साथ समझौता हुआ था, जिसमें परिवार के एक सदस्य को परियोजना में स्थाई रोजगार देने की बात कही गई है। लेकिन परियोजना प्रबंधन द्वारा ऐसा नहीं किया गया जिसे लेकर प्रभावितों में भारी रोष है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को तो रोजगार उपलब्ध करवाया गया और कुछ को नहीं दिया जा रहा है। इससे गु्स्साए प्रभावितों ने कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर रोजगार देने का निर्णय नहीं लिया गया तो परियोजना का काम पूरी तरह से ठप्प कर दिया जाएगा।
परियोजना प्रबंधक विजय कौशल ने कहा कि अभी परियोजना का काम शुरू नहीं हो पाया है। जैसे की काम शुरू होगा तो प्रभावितों को नियमों के अनुसार रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा।