बिलासपुर,
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ0 प्रकाश दरोच ने जानकरी देते हुए बताया कि विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर एम्स कोठीपुरा में जिला स्तरीय विश्व कैंसर दिवस जागरूकता र्कायक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहा कि गलत धारणाएं रोग भ्रम और अनावश्यक चिंता उत्पन्न करती हैं, जिससे लोग अपने व परिवार के स्वास्थ्य के बारे में चिंतित हो जाते हैं, जैसे शरीर पर सभी गांठे कैंसर नहीं होती केवल जांच से ही पता चलता है। उन्होंने कहा कि कैंसर के लक्षण दिखाई देने पर तुरन्त चिकित्सक को दिखाकर अगर प्रारम्भिक अवस्था पहचान करें, इलाज लेने से अन्य बीमारियों की तरह यह बीमारी भी ठीक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि कैंसर एक असंक्रामक रोग है जो एक सक्रमित व्यक्ति से दूसरे को नहीं फैलता। गलत धारणाओं पर खुल कर बातचीत से सही जानकारी से 30 प्रतिशत कैंसर रोके जा सकते हैं और 50 प्रतिशत मामलों को शीघ्र पहचान कर रोका जा सकता है। इसे समय पर निदान व दवा, रेडियो थैरिपी और शल्य चिकित्सा से ठीक किया जा सकता है।
शिक्षा एंव सूचना अधिकारी पूर्ण चन्द जन ने कहा कि विश्व कैंसर दिवस प्रतिवर्ष 4 फरवरी 2000 से प्रतिवर्ष लगातार मनाया जा रहा है इसका मनाने का उदेश्य यही है कि हर व्यक्ति को कैंसर के बारे में पूर्ण जानकारी होना आवश्यक है ताकि इस बीमारी से बचाव करके लोगों को भी कैसर के बारे में जागरूक किया जा सके।। उन्होंने बताया कि इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस का का थीम है प् ंउए प् ूपसस ‘‘ (मैं हूं, मैं करुंगी/करुंगा) अर्थात मैं स्वयं भी कैंसर के प्रति जागरुक हूंगा और पूरे समाज को भी इसके कारणों, बचाव, उपचार तथा समाज में इसके प्रति फैली भ्रांतियों के बारे जागरुक करुंगा, ताकि इसके प्रसार को कम किया जा सके।
उन्होंनें बताया कि दुनियां भर में करीब एक वर्ष में लगभग 96 लाख लोगों की मौत हो जाती है भारत में कैंसर से हर साल 1 लाख से अधिक नए कैंसर के मरीज सामने आते हैं उनमें से ज्यादातर लोगों की मौत बीमारी की अनदेखी के कारण होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 8 मिनट में एक महिला की मृत्यु सरवाईकल कैंसर से हो जाती है। कैंसर किसी भी धर्म व जाति के अमीर-गरीब, बच्चे-बड़े तथा मर्द और औरत को प्रभावित कर सकता है। उन्होंने बताया कि कैंसर रोगों की श्रेणी है जिसमें कोशिकाओं का एक समूह सामान्य से अधिक, अनियऩ्ित्रत वृद्धि करता है, साथ की कोशिका को क्षतिग्रस्त करता है तथा कई बार लसिका व रक्त के जरीए शरीर के दूसरे भागों में फैल जाता है।
उन्होंने बताया कि कैंसर होने का मुख्य कारण बदलती जीवन शैली, बढ़ती नशाखोरी, शराब, तम्बाकू व गुटखे का सेवन, जंक फूड की पनपती संस्कृति, शहरीकरण, खाद्य पदार्थों में कीटनाशकों का प्रयोग पर्यावरण प्रदूषण इत्यादि हैं।
उन्होंने बताया कि महिलाओं में सर्वाधिक होने वाले कैंसर में स्तन, सरवाइकल, उदर, कोलोरेक्टल और फेफड़े के कैंसर जबकि पुरूषों में फेफड़े, उदर, लीवर, खाने की नली और प्रोस्टेट मुख्य हैं। कैंसर संक्रामक रोग नहीे है, कैंसर होने के लिए सहायक हेपेटाइटिस-बी/सी व एच आई वी संक्रामक हैं। यदि स्तन में गांठ, दर्द या सख्त हो, तिल या मस्से के आकार में बदलाव आए, पाचन एंव मल प्रक्रिया में बदलाव आए, लगातार खांसी व गले में खराश हो, मासिक धर्म के दौरान या बिना मासिक धर्म के ही अधिक रक्त बहे, शरीर के किसी भी छिद्र से खून आए तो शीघ्र डा0 से सम्पर्क करें।
स्वास्थ्य शिक्षक दीप चन्द नेे जानकारी दी कि कैंसर परामर्श के लिए नजदीकी चिकित्सक, कैंसर अस्पताल, कैंसर विशेषज्ञ या जिला कैंसर अधिकारी से सम्पर्क करें क्षेत्रिय अस्पताल बिलासपरु में कैंसर मरीजों को देखा जाता हैं। उन्होंने बताया गया कि कैंसर का इलाज मुफ्त है। कैंसर रोगियों के लिए सरकार द्वारा सहारा योजना भी चलाई गई है जिसके तहत गरीब लोग जिनकी सालाना आय 4 लाख से कम हो, 3 हजार रुपये हर महीने दिए जाते हैं। इसके लिए उन्हें एक फार्म भर कर बीमारी के दस्ताबेज, स्थाई प्रमाण पत्र, फोटो पहचान पत्र, बी पी एल प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र तथा बैंक खाते की पूर्ण जानकारी के साथ आशा कार्यकर्ता, स्वास्थ्य कार्यकर्ता, खण्ड चिकित्सा अधिकारी अथवा मुख्य चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क करें।
इस अवसर पर प्रो0 मनिल ने भी अपने विचार व्यक्त किए।