24 जुलाई से 31 जुलाई तक हर्षोल्लास के साथ आयोजित होगा मेला
इस बात को मद्देनजर रखते हुए इस साल प्रशासन सख्त हो उठा है ! एसडीएम चौपाल चेत सिंह ने बताया कि उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली है कि कुछ लोग शिवरात्रि वाले दिन चूड़धार यात्रा की योजना बना रहे है !
उस विद्या के ज्ञान अर्जन पर बुजुर्ग ब्राह्मणों का मत था यह परंपरा धीरे-धीरे लुप्त होती जा रही है। अब नव सीखियों की कमी बढ़ती जा रही है ।
उन्होंने कहा कि आगामी त्यौहार और शादी के मौसम को देखते हुए सभी स्तर पर कोविड उपयुक्त व्यवहार सहित टेस्ट-ट्रैक-प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करवाएं।
आज मुझे श्रीकृष्ण कथा में हरि नाम सुमिरन कर पुण्य अर्जित करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गौमाता को विशेष स्थान दिया था तथा वर्तमान सरकार भी गौवंश के संरक्षण व संवर्धन के लिए प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि इस दिवस की प्रासंगिकता एवं मर्यादा पुरूषोतम भगवान श्री राम की शिक्षाओं को अपनाकर हमें आगे बढ़ना चाहिए। मुख्य अतिथि बलबीर वर्मा ने दशहरा उत्सव आयोजन के लिए क्लब को इकावन हजार की धनराशी प्रदान की।
मेले में दिन भर नाटियों का दौर चलता रहा। शाम को देवता ने मेला स्थल से शिव मंदिर में प्रवेश किया जहां पर बुजुर्ग लोग ढैकली- बैंशली से पारंपरिक गीतों पर तमाशा किया जिस पर देवताओं को नचाया गया