बिलासपुर,
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की जिला स्तरीय बैठक में प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा करते हुए मुख्य चिकित्स्ता अधिकारी डाॅ0 प्रकाश दडोच ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2020 में 713 टीबी के मरीजों को साधारण टीबी की दवाई के लिए पंजीकृत किया है। उन्होंने बताया कि 28 को दवा प्रतिरोधक टीबी के लिए पंजीकृत किया गया है और इनको टीबी की मुफ्त दवाइयां दी गई।
उन्होंने बताया कि निक्षय पोषण योजना के तहत वर्ष 2018 से 2021 तक कुल 2350 लाभार्थियों को 55 लाख 39 हजार 500 रुपये की राशि दी गई। इस के अतिरिक्त डीआर टीबी के मरीजों को 1500 रुपये प्रतिमाह पोषण आहार के लिए प्रति मरीज दिए जाते है जिसमें कुल राशि 1 लाख 60 हजार रूपये का वितरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि लोगो को क्षय रोग के बारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी विश्व क्षय रोग दिवस 24 मार्च को जिला स्तर व खंड स्तर पर मनाया जा रहा है। इसके अंन्तर्गत जिला व खंड स्तर पर नुककड़ नाटकों का आयोजन भी किया जा रहा है। जिला में बलगम के नूमनों की जाँच 15 सवास्थ्य केंद्रों में मुफ्त उपलब्ध कराई जा रही है। रीजनल आयुर्वेदिक अस्पताल बिलासपुर और आयुर्वेदिक अस्पताल कंदरौर में नये बलगम के जाँच केंद्र शुरू कर दिए हैं और इन संस्थानों में कोई भी आदमी अपने बलगम की जाँच करा सकता है।
उन्होंने बताया कि इन सेंटरों में अत्याधुनिक तकनीक वाले माइक्रोस्कोप स्थापित किए गए हैं और साथ में बलगम के नमूने आधुनिक जाँच के लिये जिला स्तर व राज्य स्तर पर भारतीय डाक सेवा द्वारा भी भेजे जा रहे है। उन्होंने आम जनता से अनुरोध किया है कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए सहयोग करें, अगर किसी भी व्यक्ति को दो सप्ताह या इससे अधिक दिन की खांसी हो, हल्का बुखार, भूख कम होना और बजन कम हो तथा बलगम में खून आए तो तुरन्त नजदीक के स्वास्थ्य संस्थान में जाकर जांच अवश्य करवाएं और मुफ्त इलाज पाएं तथा अपने-आप को स्वस्थ बनाएं ताकि समय रहते इसका उन्मुलन किया जा सके।