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धर्म संस्कृति

10 जून गुरुवार को शनि जयंती

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ब्यूरो हिमालयन अपडेट | June 09, 2021 06:57 PM
 
आनी,
 
धर्म और ज्योतिष की दृष्टि से सूर्य पुत्र शनिदेव को महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। हिन्दू पंचांग के अनुसार शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस साल शनि जयंती 10 जून, गुरुवार को मनाई जायेगी। मान्यता है कि इस दिन शनिदेव की विधि पूर्वक उपासना करने से शनिजनित दोषों को कम किया जा सकता है। हिंदू धर्म के अनुसार, शनिदेव को न्यायप्रिय व कर्मों के अनुसार फल देने वाला देवता कहा गया है। अच्छे कर्म करने वालों पर शनि देव की सदैव कृपा बनी रहती है और उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती है। जबकि बुरे कर्म करने वाले व्यक्ति को शनिदेव कठोर दंड देते है। शनि देव की कुदृष्टि से व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। शनि जयंती के दिन कुछ उपायों को करने से शनिदेव प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं तो वहीं कुछ कार्य ऐसे हैं जिनको करने से वे रुष्ट हो सकते हैं, ऐसे कार्यों को इस दिन भूलकर भी न करें।
 
भगवान शनि को प्रसन्न करने के उपाय
 1. पीपल का संबंध शनि से माना जाता है। पीपल की जड़ में हर शनिवार को जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है।
 2. शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के चलते पीपल के पेड़ की पूजा करना और उसकी परिक्रमा करने से शनि की पीड़ा झेलनी नहीं पड़ती। 
 3. पीपल का वृक्ष लगाने से शनि की कृपा प्राप्त होती है।
 4. जीवन में आए कष्टों को दूर करने के लिए शनि दोष से पीड़ित व्यक्ति को शनि जयंती से शुरू कर हर शनिवार के दिन शनिदेव के मंत्र ‘ऊं प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:’का जाप करना चाहिए।
5. शनिदेव के आराध्य भगवान शिव हैं। इस दिन शनिदेव के साथ शिवजी पर काले तिल मिले हुए जल से अभिषेक करना चाहिए।
6. शनि दोष की शांति के लिए प्रतिदिन महामृत्युंजय मंत्र या 'ॐ नमः शिवाय' का जाप और सुंदरकाण्ड का पाठ करना चाहिए इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं।
7. शनिदेव की कृपा पाने के लिए जातक को शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए और गरीब लोगों की सहायता करनी चाहिए, ऐसा करने से मनुष्य के कष्ट दूर होने लगते हैं।
 8. शनिदेव, हनुमानजी की पूजा करने वालों से सदैव प्रसन्न रहते हैं,इसलिए इनकी प्रसन्नता के लिए शनि पूजा के साथ-साथ हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।
  
 
शनि जयती क्या न करें 
1.  शनि जयंती के दिन ध्यान रखें कि घर पर लोहे से बनी कोई वस्तु ना लेकर आए।
2. शनि जयति के दिन लोहे की चीजें खरीदने से भगवान शनि रुष्ट हो जाते हैं और ऐसा करने से आपकी शारीरिक और आर्थिक परेशानियां बढ़ सकती हैं।
3. शनि जयंती के दिन इस बात का ध्यान रखें कि आप शमी या पीपल के वृक्ष को हानि न पहुचाएं, ऐसा करने से आप शनि के प्रकोप के घेरे में आ सकते हैं।
4. सरसों का तेल, लकड़ी, जूते-चप्पल और काली उड़द को आप भूल से भी शनि जयंती पर खरीदकर नहीं लाएं,वरना आपको शनिदेव की कुदृष्टि का सामना करना पड़ सकता है।
5. शनि जयंती पर शनि मंदिर में शनिदेव के दर्शन करने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि भूल से भी उनकी आंखों को न देखें माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इनकी आखों में देख कर दर्शन करने से अनिष्ट होता हैं।  
6. इस दिन भूलकर भी बड़े बुर्जुर्गों का अपमान नहीं करें। शनिदेव, माता-पिता और बड़े लोगों का अनादर करने और उनसे झूठ बोलने वालों से रुष्ट होकर बुरे फल प्रदान करते हैं। 
 
 
 शनि देव के 9 वाहन माने गये हैं इनका अलग-अलग महत्व है। आइए जानते हैं शनि देव के वाहनों और उनके प्रभावों के बारे में।
1- कौआ
शनि देव का वाहन कौआ पक्षी को माना जाता है। छाया देवी से उत्पन्न होने के कारण शनि देव काले रंग के हैं तथा उन्हें काली वस्तुएं भी विशेष प्रिय हैं। कौआ शनि देव का प्रिय वाहन है। इसे कष्ट नहीं पहुंचाने एवं रोटी खिलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
 
2- भैंसा
भैंसा, वैसे तो यमराज का वाहन माना जाता है, परन्तु शनि देव भी भैंसे को अपना वाहन बनाते हैं। शनिवार को भैंसे को चारा खिलाने से शनि देव के प्रकोप को शान्त किया जा सकता है।
3- हाथी
हाथी को शनि देव का अत्यंत शुभ फलदायी वाहन माना गया है। हाथी पर सवार शनि देव शुभ फल प्रदान करते हैं। हाथी को घास खिलाने से राहु–केतु भी शांत रहते हैं।
 
4- सियार
जब शनि देव सियार पर सवारी कर के आते हैं, तो व्यक्ति को कई प्रकार के कष्ट सहने पड़ते हैं। सियार को अनिष्टकारी माना गया है।
 
5- सिंह
सिंह या शेर शक्ति का प्रतीक है। शेर की सवारी के समय में शनि देव के प्रभाव से व्यक्ति में हिंसक प्रवृत्ति जन्म लेती है। इस पर संतुलन बनाना चाहिए।
 
6- घोड़ा
घोड़े को ज्योतिष में शक्ति और स्फूर्ति का प्रतीक माना जाता है। घोड़े को चने और घास खिलाने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
 
7- हंस
हंस बुद्धि और ज्ञान का प्रतीक है, अतः हंस पर सवार शनि देव के बुद्धि प्रदान करते हैं।
 
8- मोर
मोर को भी शनि देव अपने वाहन के रूप में अपनाते हैं। मोर के लिए जल रखने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। मोर उल्लास और उमंग का द्योतक है।
 
9- गधा
गधा शनि देव का प्रिय वाहन है। गधे को मारने से शनि देव नाराज होते हैं एवं अशुभ फल देते हैं। गधा शांतिप्रिय जानवर है, इसे शांति का ही प्रतीक माना जाता है।
 
पंडित मोहेंद्र शर्मा (ज्योतिष परामर्श 9418383016)
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