आनी,
तीन चार चोटी बड़ी नदियों क्षेत्राधिकार में बसे आनी कस्बे को बाढ़ का ख़ौफ़ सताने लगा है।नगरवासियों का कहना है कि यहां बहती खड्डों का यदि समय रहते जल्द तटीकरण न किया तो बाढ़ कभी भी कस्बे पर अपना कहर बरपा सकती है।जिससे आनी में नदी के साथ सटे रिहायशी मकानों व बाजार में स्थित दुकानों को भारी क्षति हो सकती है।बता दें कि अभी हाल ही में आनी की जलोड़ी गुगरा व देहुरी खड्ड में बादल फटने से आई प्रलयंकारी बाढ़ ने जहां आनी बाजार में पुराने बस अड्डे पर पंचायत की बनी 10 दुकानों को पलभर में धराशायी कर दिया, वहीं गुगरा में एक दुग्ध चिलिंग प्लांट सहित क़ई गाड़ियां बाढ़ की चपेट में आने से बह गई। जबकि आनी के नालदेरा. पुराना बस अड्डा. खोबड़ा मुहल्ला व बराड़ सहित नदी के साथ सटे क़ई घरों की नींव को भी खोखला किया है जिससे भवन मालिकों में पुनः बाढ़ के संभावित खतरे का भय सताने लगा है।बराड़ में रहने बाले एक बागबान यशपाल. ठाकुर.शानू.घनश्याम ठाकुर.सीता राम शर्मा.मंगत राम.व चौधरी राम.आनी कस्बे के व्यवसायी एवं पार्षद शशि मल्होत्रा.गुलाब ठाकुर.तथा रिंकू सूद व राकेश आदि का कहना है कि हॉल ही में आनी से बहती खड्डों में वर्षों बाद जो भयंकर बाढ़ आई है.उसने नदी के साथ सटे लोगों को गहरे जख्म दिए हैं और वे आने वाले दिनों में भारी वर्षा के चलते सम्भावित खतरे से ख़ौफ़ज़दा हैं। इन लोगों का कहना है कि आनी कस्बे से बहती खड्डों में यदि पुनः भयंकर बाढ़ आती है तो.आनी कस्बे के बजूद को भारी खतरा पैदा हो सकता है।हाल ही की आपदा से आनी बाजार में एनएच 305 पर बने वाहन योग्य पुल और इसके साथ सटे नगर पंचायत के तीन मंजिला भवन को भी खतरा पैदा हो गया।इनका कहना है कि प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने लगभग दो वर्ष पूर्व आनी में एक कार्यक्रम के दौरान आनी की खड्डों के तटीकरण के लिए करोड़ों की घोषणाएं कीं थी,जो अब पूरी नहीं हुई है।ऐसे में बाढ़ के कारण आनी कस्बे में किनारों का भूमि कटाव निरन्तर जारी है।जो आने बाले समय में एक खतरे की ओर इशारा कर रहा है।समाजसेवी व व्यवसायी यश पाल सोनू का कहना की सरकार व स्थानीय नेता इस विषय को गम्भीरता से लेकर आनी कस्बे के बचाव को यहां बहती खड्डों का जल्द तटीकरण करे।ताकि यहां के लोग सम्भावित खतरे से बच सकें।