नेरवा,
बिहार,झारखंड सहित उत्तर भारत के कई क्षेत्रों में मनाया जाने वाला तीन दिवसीय छठ तयौहार नेरवा में धूमधाम के साथ संपन्न हो गया ! सोमवार को खरना के साथ शुरू हुए इस पर्व का बुधवार को सूर्योदय के बाद सूर्य देवता को अर्घ्य देने के साथ समापन हो गया ! इससे पूर्व मंगलवार को नेरवा में शालवी नदी के किनारे छठ माता की मिटटी की मूर्ती स्थापित कर इस मूल के लोगों ने पूजा अर्चना की व सुख समृद्धि एवं धन धान्य की मंगल कामना की ! इस अवसर पर सुहागिनों ने सोलह सिंगार कर छठ माता को फल,फूल,मिष्ठान व सौंदर्य सामग्री अर्पित कर आराधना की ! सूर्यास्त के बाद शाम सात बजे से रात दस बजे तक गीत संगीत व भजन कीर्तन का भी खूब दौर चला,जिसमे स्थानीय लोग भी भारी मात्रा में शामिल हुए ! इस दौरान पूजा स्थल पर एकत्रित लोग मधुर वाद्य धुनों पर रात दस बजे तक थिरकते रहे ! पूजा के प्रति बच्चों व महिलाओं में विशेष उत्साह देखा गया ! बुधवार को सूर्य देवता को अर्घ्य देने के बाद व्रतधारकों ने जल व मिष्ठान ग्रहण कर व्रत का समापन किया ! पूजा अर्चना व सूर्य को अर्घ्य देने के उपरान्त मिटटी से निर्मित छठ माता की मूर्ती को शालवी नदी में विसर्जित किया गया !