शिमला,
हिमालयन अपडेट न्यूज़ एवम साहित्य सृजन मंच द्वारा उसके फेसबुक पेज व यूट्यूब चैनल के माध्यम से हिमाचल प्रदेश के साहित्यकारों को मंच प्रदान करने के लिए एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया जिसमें हिमाचल प्रदेश के जाने माने साहित्यकारों ने भाग लिया।कार्यक्रम की अध्यक्षता शक्ति चंद राणा ने जबकि अति विशिष्ट अतिथि के तौर पर रवींद्र कुमार शर्मा उपस्थित रहे। इस अवसर पर मंच के संस्थापक अनिल जम्वाल ने कहा कि मंच प्रदेश के अलावा दूसरे राज्यों के साहित्यकारों को भी अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान कर रहा है
।मंच हिमाचल प्रदेश की संस्कृति के संरक्षण व संवर्धन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।इस अवसर पर हिमालयन अपडेट न्यूज एवम साहित्य सृजन मंच की संरक्षक दीपशिखा श्रीवस्तवाई दीप भी उपस्थित रही। दीपशिखा श्रीवस्तवाई दीप द्वार हिमाचल प्रदेश इकाई के प्रथम कार्यक्र के लिए सभी को बधाई, शुभकामनाएं दीं। मंच संचालन हीरा सिंह कौशल ने किया।काव्यगोष्ठी की शुरुआत मंडी की साहित्यकार मंजुला शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई सरस्वती वंदना से हुई जिसके पश्चात रवींद्र कुमार शर्मा ने अपनी रचना"वो पढ़ाई किस काम की" के माध्यम से समाज में समाप्त हो रहे संस्कारों को सहेजने की आवश्यकता पर बल दिया।उन्होंने समाज पर कटाक्ष करते हुए अपनी पहाड़ी रचना"ज़माने री चाल" के माध्यम से बुजुर्गों की अनदेखी पर चिंता व्यक्त की।उन्होंने एक पहाड़ी गीत"सुण तू मेरेया फौजिया हो,मिन्जों तेरी याद बड़ी औंदी तू छुट्टी कदी औणा हो" के माध्यम से फौजी और उसके परिवार की व्यथा पर प्रकाश डाला।मंजुला शर्मा ने नव वर्ष पर अपनी रचना में मंहगाई व कोरोना से निजात मिलने की उम्मीद जाहिर की।उन्होंने अपनी दूसरी रचना एक व्यंग के रूप में प्रस्तुत की जिसे बहुत सराहा गया।उनकी द्वारा गाई गई ग़ज़ल "तेरी ज़ुस्तज़ु अब मेरी आरजू है,जहाँ तू नहीं अब वहां तू ही तू है" बहुत पसंद की गई। हेम राज ठाकुर की हिंदी पर लिखी रचना की अनिल जम्वाल ने सुनाया। अनिल जम्वाल ने "आया फिर कोरोना" रचना के माध्यम से कोरोना से बचने का संदेश लोगों को दिया। हीरा सिंह कौशल ने "आदमी कैसा होता है" के माध्यम से एक बच्चे के मन में उत्पन्न जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया है।उनकी बुढ़ापे पर प्रस्तुत रचना को भी बहुत सराहा गया।अंत में मंच के अध्यक्ष अनिल जम्वाल ने सभी उपस्थित साहित्यकारों व काव्य गोष्ठी में जुड़े सभी श्रोताओं के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त किया।