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धर्म संस्कृति

आनी में मंदिरों के कपाट एक माह के लिए बन्द बंद मकर सक्रांति पर उमडा भक्तों का जनसैलाब

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ब्यूरो हिमालयन अपडेट | January 14, 2024 06:20 PM
 

आनी,
 
समूचे आनी क्षेत्र सहित साथ लगते चबासी क्षेत्र में  के देवालयों में रविवार को मकर सक्रांति पर्व की खूब धूम रही। आनी ज़िला कुल्लू के प्रसिद्ध शमशरी महादेव मंदिर में   मकर सक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। पर्व पर ग्रामीण इलाके में लोगों ने प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर. विधिवत पूजा पाठ व हवन आदि किए और परिवार सहित सम्बंधियों को जौ व पाजे की डाली भेंटकर मकर सक्रांति की बधाई दी। इस दिन घरों में माश व चावल की खिचड़ी बनाई गई,जिसका देसी घी के साथ लोगों ने खूब ज़ायका लिया। इस  पर्व पर विशेष रूप से बनी घी खिचड़ी की खुश्बू से घाटी खूब महकी।
पर्व पर आनी के देवालय शमशरी महादेव. बैहनी महादेव. कुसुम्बा भवानी. देहुरी दुर्गा. बैहनी महादेव तथा बाडी माता छखाना दुर्गा सहित विभिन्न देवालयों में माघा साजा की
खूब धूम रही। मंदिरों में  अपने ईष्ट देवताओं के दर्शन को भक्तों का भारी जनसैलाव उमडा। मंदिरों में देव दरवार झाड़े का आयोजन भी किया गया. जिसमें देवता के शक्ति अंश गुर ने खेल में आकर लोगों के कष्टों का चावल के दानों के रूप में निवारण किया। पर्व के मौके पर कई मंदिरों में भक्तों के लिए प्रशाद के रूप में खिचड़ी भी बांटी गई। इस धार्मिक आयोजन के उपरांत मंदिरों के कपाट घृतमा लगाकर एक माह के लिए बंद कर दीए गए हैं। मान्यता है कि मकर सक्रांति के दिन से देवता स्वर्ग प्रवास पर निकलते हैं. जो देव तवार को वापिस लौटते हैं। संस्कृति संरक्षक एवं लेखक पंडित जगदीश चंद्र शर्मा . हितेंद्र शर्मा. दीपक शर्मा. शिवराज शर्मा तथा छबिन्द्र शर्मा आदि का कहना है कि   हमारा ग्रामीण समाज देवी देवताओं की मान्यता पर निर्भर है और इसी के फलस्वरूप लोगों में अपने ईष्ट देवताओं के प्रति अगाध श्रद्धा है। उन्होंने लोगों से प्राचीन देव परम्पराओं को संजोए रखने पर बल दिया।  
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