Sunday, April 02, 2023
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कविता
रहने दो संजीव-नी।। नई मोहब्बत स्मृति ख्वाहिश बाधा (चौपाई छंद ) एक दिन कुछ भी नही मेरे शहर में ;राजीव डोगरा आँसू कहाँ से लाऊंगा -शरण आशुतोष माँ दुर्गे आवन की खुशियाँ ; शोभा प्रसाद हे शक्ति स्वरूपा विंध्य निवासिनी ; रीना सिन्हा मैं लड़ सकती हूं और दे सकती हूं जवाब ; दीपाली शर्मा लोग क्या कहेंगे ; दीपाली शर्मा वह ईश्वर से मांगता है अपने प्रेम को; दीपाली शर्मा आयी मांँ स्वागत करो, छायी खुशी बहार; बिंदु प्रसाद रिद्धिमा माता रानी की देखो सवारी : रीना सिन्हा जगदंबे भवानी मैया तेरा त्रिभुवन में छाया राज है; सुनीता श्रीवास्तव जागृति दुर्गा माँ का आगमन ;रूणा रश्मि'दीप्त' आई एम सॉरी (माता वंदन) ; रेखा पांडेय दुर्गे माँ नवरात्रि में, आतीं हैं हर बार ;गीता चौबे गूँज लाल भगत सिंह भारत माँ का हरदम ही यूँ बोला. ;राजपाल यादव आइए होली का हुड़दंग कर लें ; सुधीर श्रीवास्तव छूटा वो घर , वो आँगन ;रीना सिन्हा कोई फर्क नहीं। कृष्ण कन्हैया खेलें होरी; रुणा रश्मि दीप्त होली खेलूं रे संग नन्दलाल ; डॉ विनय कुमार सिंह रंग दे मोहे गुलाल तेरे इश्क को;राधे मंजूषा कलम हाथ में थाम कर,लिखना है अपनी जज़्बात; विभा वर्मा वाची लिए लिखनी हाथ में हूँ सोच रही मैं आज ; निर्मला कर्ण
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