यहां की भूमि धन्य हुई जिसने भारत मां के सपूत को 3 अगस्त 1886 में जन्म दिया
ठीक उसी प्रकार होता है। ब्लेम गेम या दोषारोपण का खेल। हम सदैव हर बात हर गलती या फिर किसी कार्य के बिगड़ जाने पर सदैव एक ही पल में जाने बिना कुछ भी बस मौका मिलते ही दूसरों पर दोष लगा देते हैं। चाहे गलती के हकदार हम क्यों खुद ही क्यों ना हो ?
नौमी तिथि मधुमास पुनीता ।
सकल पुच्छ अभिजित हरिप्रीता
अबूझ पहेलियो और रहस्यमय शब्द जालो , व्यवहारों और विचित्र से प्रस्तावों के मध्य
डा ० अर्चना मिश्रा शुक्ला#आर्थिक मुश्किलें विश्व स्तर पर प्रत्येक देश भुगत रहा है । पूरी दुनिया आर्थिक मंदी की गिरफ्त में रही है इसकी क्षतिपूर्ति में कई वर्ष लग जाएगें ।
सामाजिक विषय #राम भगत नेगी किन्नौर हिमाचल प्रदेश#अब नया संसद भवन बन कर देश में नव भारत का सृजन होगा फिर सांसदो के वेतन बड़ा कर देश नव भारत की ओर अग्रसर होगा किन्तु देश में मजदूर, किसान,मध्यमवर्ग ,जैसे थे वैसे ही रहेंगे
विश्वव्यापी कोरोना - त्रासदी पर आपका एक काव्य - संग्रह " त्रासदियों का दौर " और एक विश्लेषण पूर्ण किताब " वैश्विक त्रासदी और भारत की अर्थव्यवस्था " प्रकाशित हो रही हैं .
प्रकाश पर्व#30 नवंबर 2020- श्री गुरु नानक जनमोत्सव विशेष #डॉक्टर अमिताभ शुक्ल द्वारा प्रकाश पर्व पर गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं से समाज को जागरुक करते विचार
अमिताभ शुक्ला
भारत में लोकतंत्र , राजतंत्र और अर्थ - तंत्र की दिशा और आम आदमी का जीवन : -
कोरोना का वार महंगाई से हाहाकार प्रीति शर्मा असीम
किताबी दुनिया के बीच रहकर किताबी कीट बन जाने वाली नियति से बचे रहे और समाज के प्रत्येक चाल चलन के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अपनी संवेदनात्मक सजगता का परिचय देते रहे .
*है भव्य भारत ही हमारी मातृभूमि हरी-भरी ।**हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा और लिपि है नागरी ।।*